5 जून 2024 बदायूं-कृष्ण हरि शर्मा जिला संवाददाता बीबी न्यूज़ बदायूं। बदायूं लोकसभा की सीट जो पिछली बार बीजेपी के खाते में थी इस बार सपा के खाते में चली गई और और इसका मुख्य कारण यह रहा कि पिछले प्रत्याशी जो बीजेपी से एमपी थी माननीया संघमित्रा जी उन्होंने क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं किया एवं जनता से भी कोई खास कनेक्टिविटी उनकी नहीं बन पाई इससे नाराज लोगों ने वर्तमान प्रत्याशी से भी खिन्नता दिखा दी शिक्षा पर 18 पर्सेंट जीएसटी बेरोजगारी पेपर लीक एवं प्रदेश में कुछ समय पहले बड़े बहुमत से बनी सरकार के बाद भी कोई वैकेंसी नहीं निकलने के कारण युवा वर्ग ,शिक्षक वर्ग नाराज दिखे एवं विद्या भारती के आचार्यो की रिटायरमेंट की आयु ,जो 62 वर्ष थी इस चुनाव प्रक्रिया के दौरान ही 60 साल करने की घोषणा विद्या भारती द्वारा की गई ।इससे भी जो संघ के मजबूत बर्कर के रूप में उनके आचार्य काम करते थे वह भी नाराज देखे गये तथा वर्तमान प्रत्याशी का भी बदायूं के होने के बाद भी जनता से जुड़ाव नहीं था तथा स्थानीय निवासी होने के बाद भी उन्हें क्षेत्र के बीजेपी के भी बहुत कम वोटर एवं कार्यकर्ता जानते थे जबकि इसी प्रकार आवंला लोकसभा सीट पर भी जो धर्मेंद्र कश्यप पिछली बार बीजेपी से एमपी थे उनका भी व्यवहार लगभग इसी प्रकार रहा अक्सर लोग कहते थे कि वह फोन नहीं उठाते थे कार्यकर्ताओं की बात भी नहीं सुनी जाती थी लोगों से संवादधहीनता एवं ब्राह्मण ठाकुर और बेश्य समाज के नेताओं पर अभद्र टिप्पणी चुनाव के बीच करना एवं ब्राह्मणों को अनेकों बार खुले मंच से भला बुरा कहना उन्हें भारी पड़ा तथा विकास कार्यों पर भी कोई ध्यान उन्होंने नहीं दिया तथा आंवला के स्थानीय /क्षेत्र के ही स्थानीय प्रत्याशी होने के बाद भी एक बाहरी प्रत्याशी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा तथा विकास कार्यों पर उन्होंने भी कोई ध्यान नहीं दिया आंवला और बदायूं दोनों सीटों पर बाहरी प्रत्याशी होने के बाद भी एवं बदायूं की सीट पर आधी से भी कम उम्र के एक नवयुवक द्वारा बीजेपी के प्रत्याशी दुर्विजय सिंह को पराजय का सामना करना बहुत ही शर्मनाक स्थिति है बदायूं के बीजेपी के नेता एवं विधायक जनता को अपना मुंह छुपाते नजर आ रहे हैं उन्हें कोई जवाब देते नहीं बन रहा है क्योंकि कार्यकर्ताओं के भी उचित काम ना होना बेरोजगारी पर कोई ठोस रणनीति न बनाकर नवयुवकों को नाराज करना दोनों क्षेत्र का विकास जीरो होना आदि मुद्दों के कारण बीजेपी को हार का मुंह देखाना पड़ा और उनका कोर वोटर भी नाराज होकर वोट डालने घर से नहीं निकला वहीं दूसरी ओर मुस्लिम प्लस यादव प्लस नाराज वोटर की तिगड़ी ने दोनों सपा प्रत्याशियों को जीत दिलाई इस जीत में बीजेपी के नाराज वोटरों की महत्वपूर्ण भूमिका है क्योंकि इनमें से कुछ नाराजी के कारण वोट डालने ही नहीं गए और कुछ ने नाराजी के कारण सपा प्रत्याशियों को वोट किया इन वोटों ने बीजेपी के हटकर सपा में जाकर दोगुनी लीड्स देकर जीत का कारण बना दिया अब बीजेपी के नेतृत्व को चाहिए की शिक्षा पर 18% जीएसटी बेरोजगारी क्षेत्र का विकास इन पर यदि काम नहीं किया गया तो उनका कोर वोटर भी उनसे चला जाएगा तथा ब्राह्मणों को इन दोनों क्षेत्रों में निर्णायक माना जाता है तथा इनकी तिगड़ी (ब्राह्मण ठाकुर और बेश्य) दोनों सीटों पर एक मजबूत वोट बैंक बीजेपी का माना जाता है उसका नाराज होना भी इनको भारी पड़ा। कई बार सुपर टेट का हो जाना उसके बाद शिक्षक भर्ती का ना होना हर साल पेट होना लेकिन किसी भी नौकरी की परीक्षा का सफलतापूर्वक ना होना पेट की सुपर टेट की हर परीक्षा की शुल्क को बढ़ा देना यह बहुत से कारण रहे जिससे इनका कट्टर युवा समर्थक भी इनसे दुखी और नाराज दिखा। नवयुवक किसी बात को लेकर यदि धरना प्रदर्शन करने गए विधानसभा में या मुख्यमंत्री/मन्त्री आवास पर या सचिवालय पर अपनी बात कहने गए तो उनकी बात सही से सुनी नहीं गई तथा उन पर लाठी चार्ज किया गया उनको मारा पीटा गया यह सभी इनके हार का कारण रहे।
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Thu Jun 6 , 2024