दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : अभिनय 2024 fylfot forum द्वारा आयोजित 36 ऑल इंडिया डांस,ड्रामा और सिंगिंग कंपटीशन हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर में आयोजित किया गया ! जिसमें बरेली शहर की प्रसिद्ध नाट्य संस्था ‘सरस कल्चरल वेल्फेयर सोसायटी बरेली ‘ ने स्वदेश दीपक द्वारा लिखित एवं डीo प्रसाद (पप्पू वर्मा)द्वारा परिकल्पना व निर्देशित नाटक कोर्ट मार्शल का भव्य मंचन किया गया! नाटक में कसे हुए निर्देशन और कलाकारों के मंझे हुए अभिनय, बेहतरीन मंच सज्जा और रूप-सज्जा ने दर्शकों को बांधे रखा! नाटक के अंत तक दर्शक मंत्रमुग्ध होकर नाटक को देखते रहे!
स्वदेश दीपक द्वारा लिखित नाटक ‘ कोर्ट मार्शल’ में जाति भेद के आधार पर हो रहे सामाजिक अन्याय व शोषण के विरूद्ध चेहरे को परिलक्षित किया गया है। नाटक में बखूबी दर्शाया गया है कि आज भी समाज का अनवरत रूप से कोर्ट मार्शल हो रहा है और समतावादी समाज के निर्माण के लिए हमें लम्बा रास्ता तय करना है। अन्याय व शोषण पर जबरदस्त कटाक्ष करने और सामाजिक न्याय व्यवस्था में उचित बदलाव करने के लिए प्रेरित किया है । हमारे समाज में जातिभेद व वर्ग भेद की जड़ें इतनी फैली हुई हैं कि सेना जैसी उत्कृष्ट संस्थान जिसकी जातिभेद व वर्गभेद रहित गौरवशाली परम्परा होती है। वहाँ भी भेदभाव की ओछी मानसिकता यत्र यत्र दृष्टिगत होती है। ‘कोर्ट मार्शल’ का मुख्य किरदार एक फौजी जवान रामचन्दर उच्च अधिकारियों द्वारा किये जा रहे शोषण व जातिभेद से आहत होकर दो अफसरों कैप्टन कपूर व कैप्टन वर्मा पर गोली चला देता है जिससे कैप्टन वर्मा की मौत हो जाती है व कैप्टन कपूर बुरी तरह जख्मी हो जाता है। इस कारण रामचन्दर पर कोर्ट मार्शल की कार्यवाही शुरू हो जाती है। बचाव पक्ष की वकील कैप्टन विनीता रॉय सशक्त वाक्य पटुता की प्रतिभा व भारतीय सेना के कड़े कानून का आत्मबोध कराते हुए अपराधी रामचन्दर को सहानुभूति का पात्र बनाती हैं व सेना जैसे उत्कृष्ट संस्थान में जातिवाद का विषैला बीज बोने का कुकृत्य करने वाले कैप्टन बी.डी. कपूर जैसे अधिकारी को आत्मग्लानि का बोध व पश्चाताप कराने के बाद आत्महत्या तक करने पर मजबूर करती हैं । कोर्ट के प्रिजाइडिंग अफसर कर्नल सूरत सिंह जैसा कठोर व्यक्तित्व का धनी अफसर भी रामचन्दर के प्रति दो अफसरों द्वारा किये गये अन्याय व शोषण की घटना से आहत हो उठता | हमारे समाज में शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा किया गया विरोध राजनैतिक विरोध कहलाता है। इस हेतु समाज उसे तख्तोताज देकर पुरुस्कृत करता है और कमजोर लोगों का विरोध विद्रोह कहलाता है, जो उन्हें एक ही झटके में फांसी के तख़्ते तक पहुँचा देता है। कोर्ट मार्शल का यह कमरा एक कमरा मात्र न होकर समाज का एक छोटा स्वरूप है, जो दर्शाता है कि हमें अब तक समाज में व्याप्त जातिभेद, वर्णभेद , अंधविश्वास व सामंती प्रवृत्तियों से आजादी नहीं मिली है।
नाटक में पुष्पा अरुन, कमला घले, उत्तम सिंह, मोनिस हिदायत, संजीव कुमार, संजीव कुमार शुक्ला, प्रियांशु मिश्रा, प्रशांत सिंह, अजय कुमार अरोरा, करन सागर, वीरेंद्र कुमार और श्रवण शुक्ला ने मुख्य भूमिकायें निभाईं । प्रकाश व्यवस्था में – हृदेश प्रताप सिंह, मंच व्यवस्था में – लक्ष्मी नारायन ‘सरस’ एवं शुमोंत डे, संगीत व्यवस्था में – डी. प्रसाद (पप्पू वर्मा ), रूप सज्जा एवं वेशभूषा में – मोनिका आदि का सहयोग रहा ।
अभिनय 2024, सोलन (हिमाचल प्रदेश ) की इस प्रतियोगिता में बरेली, उत्तर प्रदेश की संस्था ‘सरस कल्चरल वेलफेयर सोसाइटी’, द्वारा प्रस्तुत नाटक – ‘कोर्ट मार्शल’ को सर्वश्रेष्ठ दूसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ । जिसमें सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता – मोनिस हिदायत, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री – पुष्पा अरुन एवं सर्वश्रेष्ठ रंग-यात्रा के पुरस्कार सहित संस्था को पाँच पुरस्कार प्राप्त हुए ।