रेलबे डेमो सैड सीबीगंज पर तैनात रेलबे के पुलिस कर्मी का था संरक्षण, लेकिन अब नही चल पायेगी मनमानी_
दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : सीबीगंज क्षेत्र में रेलवे की खाली पड़ी हुई जमीन पर लोग अपना अधिकार जमाते हुए दिखाई देते है, लेकिन ये खेल होता कैसे है, इसको समझना बहुत मुश्किल है। दरअसल कुछ रेलबे के ही कर्मचारियों द्वारा इसकी पटकथा लिखी जाती है। जिसके चलते ये कब्जेदारी हो जाती है। जब जिसे जरूरत होती है, वह उस जमीन से अवैध खनन करने लगता है। और जब जिसे जरूरत होती है ,वह उस जमीन पर अपना कब्जा करना शुरू कर देता है। ऐसा ही कुछ नजारा सीबीगंज स्थित सर्वोदय नगर कॉलोनी का सामने आया है। जहाँ रेलबे के एक रिटायर्ड इंजीनियर ने रेलबे की हद में अपने मकान को बढ़ा रखा था। या कहें कि अभी भी बढ़ा रखा है, गलत नही होगा। यह रिटायर्ड इंजीनियर समय समय पर होने वाली जांच से भी अपने मकान को बचाने का प्रयास करता रहता है। खास बात यह है कि मुश्किल से 500 मीटर दूरी पर बने रेलबे के डेमो सैड की चौकी पर तैनात रेलबे के पुलिस कर्मी भी इस ओर देखना भी नहीं चाहते हैं। तथा वह हल्के से रिटायर्ड इंजीनियर के कान में हवा देकर चले जाते हैं, आप अपने स्तर से देख लीजिए अन्यथा की स्थिति में हमें कुछ करना ही होगा। और इसी के साथ डेमो सैड पर तैनात रेलबे के पुलिस कर्मी पास में बनी दुकानों पर अपना रौव झाड़ने से बाज नही आ रहे है,जबकि उन दुकानों में किसी भी दुकानदार ने रेलवे के रिटायर्ड इंजीनियर के मुताबिक परमानेंट कब्जा नहीं कर सकता है। उन दुकानदारों ने केवल अस्थाई रूप से टीन सैड डाल रखा है, जिससे दुकान को धूप और पानी से बचाया जा सके। लेकिन रिटायर्ड इंजीनियर के पक्ष में रेलवे का तमाम अमला खड़ा हुआ है वही दुकानदारों के अस्थाई टीन सैड के खिलाफ एक मुहिम सी चल रही है। इन दुकानों के मालिकों को डेमो सैड के पुलिस कर्मी बुलडोजर का डर दिखा कर उनकी अस्थाई व्यवस्था को हटाने के लिए हड़काते रहते हैं। लेकिन रेलवे के रिटायर्ड इंजीनियर के खिलाफ कार्यवाई से कतरा रहे हैं। फिलहाल खबर लिखने के बाद इस प्रकार में कुछ सुधार हुआ है जिसके तहत रेलवे के रिटायर्ड इंजीनियर ने अपनी कुछ अस्थाई कब्जेदारी को कम किया है।तथा वही आम दुकानदार अपनी टीनो को पूरी तरीके से खत्म करने के लिए लगे हैं। इस प्रकरण में कई और मामले हैं जो आने वाले समय में सामने आएंगे।वहीं जब रेलवे की जमीन पर कब्जा को लेकर अतिक्रमण हटाओ अभियान में विभाग द्वारा भेदभाव की बात सामने आई, तो रेलवे चौकी पर तैनात आरपीएफ स्टाफ ने बताया कि किसी भी तरह का भेद भाव नहीं किया गया है। तथा डीआरएम के आदेश पर रेलवे की खाली पड़ी जमीन से कब्जा हटवाया गया है।