दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी द्वारा थिएटर अड्डा द्वारा चल रहे द्वितीय 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट के 15 वें अंतिम दिन युगांधर थिएटर बरेली ने मोहित सक्सेना द्वारा लिखित एवं सुशील सक्सेना द्वारा निर्देशित नाटक राक्षस का मंचन किया।
लोक खुशहाली चैरिटबल ट्रस्ट सभागार में नाटक राक्षस के माध्यम से दिखाया गया कि प्रत्येक मनुष्य के भीतर एक राक्षस रहता है जो समय समय पर अपना सिर उठा कर समाज मे उत्तेजना का माहौल पैदा करने से नही चूकता है। नाटक की शुरुआत दंगे से होती है। एक स्थान पर फंसे दो व्यक्ति और एक युवती दंगा खत्म होने का इंतज़ार करते है। इसी दौरान तीनो आपस मे बाते करते है लेकिन वार्तालाप के दौरान अपनी अपनी पहचान छुपाये रखते है इस डर से की कही दंगे से उपजा साम्प्रदायिकता का राक्षस उनके बीच न आ जाये। नाटक से लेखक ने ये सन्देश देने का प्रयास किया कि किसी भी समस्या का हल दंगे के राक्षस नही है।
नाटक के अंत ने सिखाया कि सौहार्द और भाईचारे को ज़िंदा रखने के लिए हमे अपने भीतर के राक्षस को मारना होगा।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. विनोद पागरानी और पार्षद राजेश अग्रवाल व पवन सक्सेना ने दीप प्रज्वलित करके किया।
नाटक में सुशील सक्सेना, शैलेन्द्र सिंह, उषा सिंह, मानव सक्सेना, राजेन्द्र सिंह, आशुतोष अग्निहोत्री, कृष्णकांत अग्निहोत्री, अंशुल चौहान, अंकुर, अतुल, चांदनी, मोहित सक्सेना ने मुख्य भूमिकाएं निभाई।
कार्यक्रम मे शालिनी गुप्ता, शुभी, अजय गौतम, सुशील, मोहित, वरिष्ठ कवि रोहित राकेश, मीडिया प्रभारी सचिन श्याम भारतीय, महेंद्र पाल राही का विशेष सहयोग रहा।
अंत में थियेटर फेस्ट के संयोजक शैलेन्द्र आज़ाद ने पिछले 15 दिनों में लगातार आने वाले दर्शकों व सहयोगियों का आभार प्रकट किया और नाट्यकला के प्रति उनके समर्पण और लगाव की भूरि भूरि प्रशंसा की।