वर्तमान में लोगों ने आयुर्वेद, प्राकृतिक एवं जैविक खेती उत्पादों के महत्व को समझा : महंत जगन्नाथ पुरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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जहरीले रसायन से मुक्ति के लिए आयुर्वेद, प्राकृतिक एवं जैविक उत्पाद जरूरी।
निरंतर बढ़ती जा रही प्राकृतिक एवं जैविक खेती की उपयोगिता।
कुरुक्षेत्र, 3 मार्च : – मारकंडा नदी के तट पर श्री मार्कण्डेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में आई.एम.सी. संस्थान हरिद्वार के प्रतिनिधियों निशा सिंह, अंकित, आशीष, प्रताप सिंह, सोनिया गिल दिल्ली, जसविंदर सिंह गिल, शर्फ अली, सरबजीत कौर, गुरप्रीत सिंह, गुरमेल सिंह एवं दलबीर सिंह को अखिल भारतीय श्री मार्कण्डेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने विद्वान ब्राह्मणों के साथ शनि शिला पर विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ तेलाभिषेक करवाया तथा नवग्रह मंदिर में पूजन करवाया। इस मौके पर महंत जगन्नाथ पुरी ने यजमानों की आयुर्वेद एवं प्राकृतिक खेती पर जानकारी सांझा करते हुए कहाकि कोरोना महामारी काल में आमजन ने आयुर्वेद, प्राकृतिक एवं जैविक खेती के उत्पादों को बेहतरी से समझा है। इन का लाभ भी उठाया गया है। उन्होंने कहाकि प्राकृतिक एवं जैविक खेती सदैव लाभ देने वाली पद्धति है। इस पद्धति से खेती करने पर रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों से होने वाले जल, मृदा व वायु प्रदूषण से लोगों को मुक्ति मिल सकती है। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि कोरोना काल में आयुर्वेद की उपयोगिता भी बहुत बढ़ी है। लोगों ने रसायन युक्त उत्पादों को छोड़ आयुर्वेद उत्पादों को प्राथमिकता दी है। लोग लाभ भी उठा रहे हैं। इस मौके पर किन्नर वर्ग महंत गुरमीत कौर, स्वामी सीताराम, स्वामी अमरदास, स्वामी संतोषानंद, मनोज कुमार, विजय सिंह, फूल सिंह, राज कुमार सिंगला, राकेश कुमार, अनिल कुमार, दिलीप कुमार, सुमन बाला एवं किरण गोस्वामी इत्यादि भी मौजूद थे।
हरिद्वार से आए लोगों के साथ महंत जगन्नाथ पुरी।