वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
देवशयनी एकादशी से प्रारम्भ होगा चातुर्मास।
कुरुक्षेत्र, 16 जुलाई : धर्म को मानने वाले लोगों के लिए चातुर्मास का विशेष महत्व होता है। अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि चातुर्मास देवशयनी एकादशी के दिन 17 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। चार महीने बाद 12 नवम्बर को देवउठनी एकादशी के दिन इसका समापन होगा। ऐसे में भगवान विष्णु 4 महीने तक योग निद्रा में रहेंगे। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि चातुर्मास प्रारम्भ से पूर्व श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में देवशयनी एकादशी का विशेष पूजन होगा। मान्यताओं के अनुसार चातुर्मास के दौरान सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु पाताल लोक में योग निद्रा में चले जाते हैं तो इस दौरान सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव को सौंप दिया जाता हैं। ऐसे में देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी व भगवान भोलेनाथ की पूजा श्रद्धा भाव से की जाती है। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पूजन भी पूरे विधि विधान एवं भक्तिभाव से होगा। उन्होंने बताया कि गुरु एक ऐसा शब्द है जो ज्ञान, प्रेरणा और मार्गदर्शन का प्रतिबिंब है। गुरु वे होते हैं जो अंधकार में प्रकाश लाते हैं, अज्ञानता को दूर करते हैं और हमें जीवन का सही मार्ग दिखाते हैं। गुरु पूर्णिमा, जिसे व्यास पूर्णिमा और वेद पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस अवसर पर स्वामी संतोषानंद, डा. विजय गुप्ता, नरेंद्र सिंह, कमल गुप्ता, नितीश शर्मा, निधि गुप्ता एवं सुमन इत्यादि भी मौजूद रहे।
महंत जगन्नाथ पुरी।