वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
विद्यापीठ के ब्रह्मचारियों ने फूलों के साथ किया भगवान श्री जगन्नाथ यात्रा का भव्य स्वागत।
कुरुक्षेत्र, 16 जुलाई : देश के विभिन्न राज्यों में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से विद्यापीठ के ट्रस्टियों, सेवकों, श्रद्धालुओं एवं ब्रह्मचारियों ने ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ के मुख्य द्वार पर भगवान श्री जगन्नाथ यात्रा के पहुंचने पर बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ फूलों से स्वागत किया। इस मौके पर विद्यापीठ की तरफ से रोहित कौशिक, राजेश सिंगला, प. पंकज पुजारी एवं ब्रह्मचारी यात्रा के स्वागत के लिए मौजूद रहे। जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने बताया कि परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने भगवान श्री जगन्नाथ यात्रा पर शुभकामनाएं देते हुए अपने संदेश में कहा कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा विश्व भर में प्रसिद्ध है। यात्रा के समय भगवान श्रीकृष्ण उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलते हैं एवं अपनी प्रजा का हालचाल जानते हैं। भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा का स्कंद पुराण में महत्व बताया गया है कि रथ यात्रा में जो व्यक्ति भगवान श्री जगन्नाथ जी के नाम का कीर्तन करता है वह पुनर्जन्म के बंधन से मुक्त हो जाता है। जो व्यक्ति भगवान के नाम का कीर्तन करते हुए रथ यात्रा में शामिल होता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। भगवान जगन्नाथ को भगवान विष्णु का ही रूप माना जाता है। इस मौके पर के.के. कौशिक, टेक सिंह, के.सी. रंगा, हरि सिंह, राजेश सिंगला, सतबीर कौशिक एवं यशपाल इत्यादि भी मौजूद रहे।
श्री जयराम विद्यापीठ के सामने भगवान श्री जगन्नाथ यात्रा का स्वागत करते हुए।