संयास आश्रम स्वामी लक्ष्मी नारायण मंदिर में भगवान नृसिंह की मूर्ति की स्थापना हुई

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

18 दिवसीय हनुमंत महायज्ञ की पूर्णाहुति महोत्सव के मुख्य अतिथि श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज रहे।
महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्यानद गिरी महाराज की देखरेख में महोत्सव का आयोजन हुआ।

नई दिल्लीः गीता कालोनी स्थित संयास आश्रम स्वामी लक्ष्मी नारायण मंदिर में आयोजित 18 दिवसीय हनुमंत महायज्ञ की पूर्णाहुति मंगलवार को हुई। भगवान श्री नरसिंह की मूर्ति की स्थापना हुई और संत भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें बडी संख्या में भक्तों ने भाग लिया। महोत्सव के मुख्य अतिथि श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज रहे और अध्यक्षता महंत बंसीपुरी महाराज द्वारा (दक्षिण काली पीठ मंदिर) ने की। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि कलयुग में हनुमान यज्ञ सभी प्रकार की पीड़ा से मुक्ति दिलाने वाला और धन और यश की प्राप्ति के लिए एक उत्तम और चमत्कारिक उपाय है। हनुमान यज्ञ में इतनी शक्ति है कि अगर विधिवत रूप से यज्ञ को कर लिया जाए तो यह व्यक्ति की हर मनोकामना को पूरा कर सकता है। इसी कारण प्राचीन समय में कई राजा युद्ध में जाने से पहले हनुमान यज्ञ का आयोजन जरूर करते थे। यह यज्ञ इंसान को धन और यश की प्राप्ति करवाता है। जो भी व्यक्ति हनुमान यज्ञ से हनुमान जी की पूजा करता है और ध्यान करता है उसके जीवन में सभी समस्याएं निश्चित रूप से समाप्त हो जाती हैं। महाराजश्री ने कहा कि गीता कालोनी स्थित संयास आश्रम स्वामी लक्ष्मी नारायण मंदिर में भगवान नरसिंह की मूर्ति की स्थापना होना बहुत ही शुभ है। भगवान नरसिंह की कृपा से जीवन में आने वाले संकटों का नाश होता है। वे अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। उनकी पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आने वाले कष्टों से छुटकारा मिलता है। महंत बंसीपुरी महाराज काली मंदिर ने कहा कि हनुमानजी को प्रसन्न करने का यह सर्वाधिक लोकप्रिय उपाय है। कहा जाता है कि इस यज्ञ में जैसे ही भगवान श्रीराम का स्मरण किया जाता है तो प्रसन्न होकर हनुमान जी यज्ञ स्थल पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में विराजमान हो जाते हैं और अपने भक्त के कष्ट दूर कर उस पर अपनी कृपा करते हैं। दिल्ली संत महामंडल के कोषाध्यक्ष महंत धीरेंद पुरी महाराज ने कहा कि हनुमान यज्ञ को सभी प्रकार की पीड़ा से मुक्ति दिलाने वाला, अपार धन.संपत्ति और विजय.प्रसिद्धि दिलाने वाला है। माना जाता रहा है। प्रकांड पंडित भी मानते हैं कि हनुमान यज्ञ में इतनी शक्ति है कि अगर विधिवत रूप से यज्ञ को कर लिया जाए तो यह व्यक्ति की हर मनोकामना को पूरा कर सकता है। महोत्सव आयोजक दिल्ली संतमहामंडल की वूर्व अध्यक्ष महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्यागिरि महाराज ने महाराजश्री व सभी संतों का स्वागत अभिनंदन किया और कहा कि लोक कल्याण के लिए 18 दिवसीय हनुमंत महायज्ञ का आयोजन किया गया। भगवान नृसिंह भगवान विष्णु के पांचवे अवतार हैं। भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए वे गोधूलि के समय खंबे से प्रकट हुए थे। वे भगवान विष्णु के उग्र व शक्तिशाली अवतार हैं। उनकी पूजा से हर प्रकार के कष्टों व दुर्घटना से रक्षा होती है। हर प्रकार के मुकदमे, विरोधी व शत्रु शांत होते हैं। तंत्र-मंत्र की बाधा भी दूर होती है। भगवान नृसिंह की उपासना का फल भक्तों को मिले, इसके लिए ही मंदिर में उनकी मूर्ति की स्थापना की गई है। महंत दिवाकर पुरी महाराज, महंत गिरीशानंद गिरी महाराज, षडदर्शन साधुसमाज के अध्यक्ष परमहंस ज्ञानेश्वर , कोषाध्यक्ष महंत महेश मुनि , संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, सचिव महंत राम अवतार दास आदि भी मौजूद रहे। आश्रम की महंत महंत साध्वी सर्वेश्वरी गिरी महाराज, लखन गिरी की व्यवस्था में हुए महोत्सव में देश भर से संत शामिल हुए।

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