हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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हांसी : गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल हांसी में माननीय निदेशक अभियोजन व जिला न्यायवादी डॉ. दीपक लेघा रणजीत हिसार के आदेश पर तीन नए कानून में हुए संशोधन के बारे में श्रीमती नीलम राय, सहायक जिला न्यायवादी द्वारा भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक संहिता 2023 व भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, इन तीन नए आपराधिक कानूनों में हुए संशोधनों पर जागरूक किया गया, श्रीमती राय ने बताया कि अब किसी भी क्षेत्र में हम अपनी एक एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं तथा यह सुविधा अब ऑनलाइन भी उपलब्ध है। आपराधिक कानून में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह हुआ है कि जाति, समुदाय या नस्ल के आधार पर हत्या को एक अलग अपराध के रूप में मान्यता दी गई है। उन्होंने अध्यापकों व विद्यार्थियों को जागरुक करते हुए कहा कि हमारे देश की स्थितियां और ब्रिटिश की देश की स्थितियां बहुत अलग है। इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए हमारी भारतीय सरकार को इन नए आपराधिक कानूनों की आवश्यकता महसूस की और भारतीय सरकार ने ये कानून हमारे देश की परिस्थिति के अनुसार बनाए है । अब कानून बन चुका है और कानून लागू भी हो चुका है लेकिन हर कोई इन कानूनों के बारे में जागरूक नहीं है, इसीलिए हमारी भारतीय सरकार ने सोचा कि इस बारे में स्कुल स्तर पर छात्रों को जागरूक किया जाए। यदि हमारे साथ कोई भी आपराधिक घटना घटित होती है तो हमें निःसंकोच उसकी एक एफ आई आर दर्ज़ करवानी चाहिए। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अनुसार, सात साल या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक जांच अनिवार्य है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम द्वारा पेश किया गया एक बड़ा बदलाव “इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड” की अनुमति देना है। इस नये प्रावधान के दायरे में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करता है, जिसमें सर्वर लॉग, ईमेल, लैपटॉप, डिवाइस में संग्रहीत फ़ाइलें, स्थान की जानकारी, वेबसाइट की सामग्री, संदेश और बहुत कुछ शामिल है। इस अवसर पर प्राचार्य श्री राजेश भड़ाणा जी, एडवोकेट अनिल वर्मा सहित स्कूल का सारा स्टाफ मौजूद रहा।