सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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वृन्दावन : गौधूलीपुरम क्षेत्र स्थित श्रीनन्द नारायण धाम में श्रीराधा माधव फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वारा श्रावण माह के उपलक्ष्य में विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिसमें प्रतिदिन भगवान शिव का अत्यंत विधि विधान पूर्वक पञ्चामृत से अभिषेक हो रहा है। साथ ही वेदज्ञ ब्राह्मणों के द्वारा नित्य शिव महिम्न स्तोत्र, रूद्राष्टक, रूद्र सूक्त एवं शिव चालीसा आदि के पाठ किए जा रहे हैं।साथ ही भजन संध्या के भी नित्य प्रति आयोजन हो रहे हैं। जिसमें संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य शिव महिमा का गायन हो रहा है।
श्रीराधा माधव फाउंडेशन ट्रस्ट की अध्यक्ष एवं प्रख्यात भागवताचार्य वसुधाश्री ने कहा कि श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है।वही इसके अधिपति हैं।क्योंकि श्रावण मास में ही भगवान शिव ने समुद्र मंथन के समय लोक मंगल के लिए गरल का पान किया था। उसी समय उन्हें शीतलता प्रदान करने के लिए इंद्रदेव ने जल वृष्टि की थी।तभी से श्रावण मास में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने की परंपरा का शुभारंभ हुआ।
प्रख्यात भागवताचार्य व ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य प्रदीप कृष्ण शास्त्री ने कहा कि श्रावण मास में शिव आराधना करना अत्यंत पुण्यदायी है। मां पार्वती ने इसी मास में घोर तपस्या व आराधना करके भगवान शिव को प्राप्त किया था। श्रावण मास में सोमवार का व्रत करना अत्यंत पुण्य फल प्रदायी है।शास्त्रों में कहा गया है कि “श्रावण सोमवार व्रत” करने वाले को अश्वमेध यज्ञ करने जितना फल प्राप्त होता है। वस्तुत: भगवान शिव ही एक ऐसे देवता हैं, जो अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
ट्रस्ट के उपाध्यक्ष अरुण गोस्वामी ने कहा कि श्रावण मास अत्यंत महिमामयी मास है।क्योंकि इसमें नाग पंचमी, हरियाली अमावस्या, हरियाली तीज, तुलसी जयंती व रक्षा बंधन आदि अनेक पर्व-त्यौहार समाविष्ट हैं।साथ ही इस मास में पीपल व बरगद आदि के पौधों को भी रोपित करने का शास्त्रों में विधान है।इससे पितृ दोष की शांति होती है।वैसे भी वृक्षारोपण समाज व देश के हित का कार्य है।क्योंकि इससे पर्यावरण शुद्ध होता है।
इस अवसर पर कालीधाम (शिवनी, मध्यप्रदेश) के स्वामी संदेशजी महाराज, बरसाना के छोटे पंडाजी, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, डॉ. राधाकांत शर्मा, भोला दीक्षित, नंद किशोर दुबे एवं मोहित वर्मा आदि की उपस्थिति विशेष रही।