वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
आचार्य शुकदेव जी महाराज ने शिव पार्वती विवाह के साथ ऋषि मार्कण्डेय की कथा के बारे में बताया।
दुख:भंजन महादेव मन्दिर में शिव महापुराण कथा का पांचवा दिन मुख्य यजमान रहे मोहन भारद्वाज।
प्रतिदिन प्रातः शिव पूजन के साथ अभिषेक हो रहा जिसमे गणमान्यजन ले रहे भाग।
कुरुक्षेत्र 29 जुलाई : धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के प्राचीन दुख:भंजन महादेव मन्दिर परिसर सन्नेहित सरोवर पर आज शिव महापुराण कथा के पांचवे दिन आचार्य शुकदेव जी महाराज ने बताया की विधिवत विवाह अनिवार्य है योग्य पति या पत्नी की प्राप्ति के लिए बुद्धिमता से चयन करना ही सफलता है।
शिव विवाह के वर्णन में शिव बारात में देव असुर ऋषि मुनि भूत प्रेत पिशाच सब शामिल हुए।
सच है कि जिसे सब माने उसे ही ईश्वर कहते है शिव विवाह का यही संदेश है।
आज ऋषि मार्कण्डेय जी की दिव्य कथा के साथ साथ कथा का समापन हुआ। माता पार्वती की भावपूर्ण विदाई की कथा सुनते हुए श्रोताओं की आंखों में आसूं आ गए।
आचार्य शुकदेव जी महाराज ने ब्राह्मणों का एवं सभी सहयोगी सज्जनों का सम्मान किया महाराज जी ने सभी को आशीर्वाद दिया।
कथा यजमान मोहन भारद्वाज ने परिवार सहित ब्राह्मणों का पूजन और आरती की।
मोहन भारद्वाज पत्नी रोजी भारद्वाज माता बिमला देवी बच्चे वंश और जैश भारद्वाज द्वारा
मन्दिर परिसर में श्रावण मास के उपलक्ष में शिव महापुराण महादेव यशोगाथा का समापन करवाया ।
कथा श्रवण में देश विदेश से आए हुए यजमानों ने भी भाग लिया। प्रतिदिन प्रातः पार्थिव शिवलिंग पूजन के साथ रुद्रा अभिषेक भी हुआ। आरती में काफी संख्या में महिला पुरषों ने भाग लिया और कावड़ियों ने भी कथा का श्रवण किया। कथा की आरती से पूर्व महिलाओं ने शिव महापुराण की आरती ओर नृत्य कर मंगल गीत गाए। आरती उपरांत अन्य यजमानों द्वारा भी कोल्डड्रिंक समोसे शरबत मिष्ठान इत्यादि का प्रसाद सभी को वितरित किया गया।