फिरोजपुर 8 अगस्त {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा संकल्प कोचिंग सेन्टर, श्रीगंगानगर में तनाव प्रबंधन पर सेमिनार किया गया। इस सेमिनार में श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी डॉ. सर्वेश्वर जी जे बताया कि आज के तेजी से बदलते और प्रतिस्पर्धात्मक युग में तनाव एक सामान्य समस्या बन चुकी है। यह न केवल हमारे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए, तनाव प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। तनाव (Stress) एक ऐसी मानसिक और शारीरिक प्रतिक्रिया है जो हम विभिन्न चुनौतियों और दबावों के समय अनुभव करते हैं। तनाव का प्रभाव इस पर निर्भर करता है कि उसे किस प्रकार से प्रबंधित किया जाता है। सकारात्मक तनाव हमारे जीवन में प्रेरणा और उत्साह ला सकता है, जबकि नकारात्मक तनाव अगर नियंत्रित नहीं किया जाए तो स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम तनाव को समझें और इसके प्रबंधन के लिए उचित कदम उठाएँ। उन्होंने तनाव प्रबंधन के लिए कुछ प्रभावी सुझाव भी दिए । जैसे स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं , अपनी दिनचर्या को योजनाबद्ध ढंग से व्यवस्थित करें और महत्वपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता दें। नकारात्मक विचारों को सकारात्मक दृष्टिकोण से बदलने की कोशिश करें।
स्वामि जी ने कहा के ये उपाय भी हमारी सहायता कुछ हद तक ही कर पाते हैं पर अगर हम बुरी से बुरी परिस्थिति में और जीवन के उतार-चढ़ाव में खुद को सक्षम बनाना चाहते हैं तो हमें जरूरत है के हमारा आत्मविश्वास दृढ़ हो पर ये तभी संभव है जब हम आत्म-साक्षात्कार कर खुद को पहचान जाएं और यह केवल ब्रह्मज्ञान की ध्यान साधना से ही संभव हो सकता है। उन्होंने इस संदर्भ में महाभारत के अर्जुन की उदाहरण देते हुए कहा कि इतना महान योद्धा भी युद्ध में स्ट्रेस से ग्रसित हो गया था तो उसे भगवान श्री कृष्ण ने इसी ब्रह्मज्ञान की ध्यान साधना से जोड़ कर स्ट्रेस मुक्त किया था। हमें भी उसी ध्यान से जुड़ने की जरूरत है क्योंकि समाज में पनपने वाली हर समस्या का जन्म इस सूक्ष्म मन से हुआ है और ब्रह्मज्ञान की ध्यान साधना इसी मन के विचारो को नियंत्रित करती है। कार्यक्रम के समापन पर संजय चौधरी ने स्वामी जी का धन्यवाद किया।