वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार पर्याप्त बरसात का पानी न मिलने से फसल की ग्रोथ प्रभावित होगी तो कीड़े व बीमारियां लगने का भी खतरा रहता है।
कुरुक्षेत्र, 9 अगस्त : कृषि विशेषज्ञों की माने तो अभी तक कुरुक्षेत्र के थानेसर सहित आसपास के क्षेत्रों में अभी तक पर्याप्त बरसात नहीं हुई है। अगस्त का एक तिहाई हिस्सा गुजर चुका है। ऐसे में पर्याप्त बरसात न होने से धान की फसल के साथ सब्जियों की फसलें प्रभावित हो सकती हैं। कृषि वैज्ञानिक डा. सी.बी. सिंह के अनुसार पिछले कुछ दिनों से आसमान में बादल तो होते हैं लेकिन हल्की बूंदाबांदी के इलावा फसलों की जरूरत के अनुसार बरसात नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि कृषि उत्पादन में बरसात एक महत्वपूर्ण कारक है। पर्याप्त बरसात के बिना फसलों की ठीक ढंग से ग्रोथ नहीं हो सकती है, और उपज भी घट सकती है। डा. सिंह के अनुसार जैविक खेती में भी बरसात का बहुत महत्व है क्योंकि यह अधिकतर प्राकृतिक जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करती है। उन्होंने बताया कि मौसम की परिस्थितियों के अनुसार वातावरण में नमी देखी जा रही है तथा आने वाले दिनों में तापमान भी घटेगा। अगर पर्याप्त बरसात न हुई तो फसलों में कीड़े लगने की भी संभावना है। बरसात से वैसे कीड़े कम होते हैं। उन्होंने कहा कि भिंडी, बैंगन, टमाटर, गोभी इत्यादि में कीड़े तथा बीमारियों लगने की संभवना बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अभी बरसात कम है लेकिन बाद में अधिक बरसात हुई तो भी फसलों को नुकसान होगा। विशेषकर बेल वाली सब्जियों को नुकसान की अधिक आशंका है।
डा. सिंह ने कहा कि किसान अपनी फसलों को मिलने वाली बरसात की मात्रा की निगरानी के लिए वर्षामापी का उपयोग कर सकते हैं। इस डेटा का उपयोग उनकी सिंचाई प्रणालियों को समायोजित और अनुकूलित करने के लिए किया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकें कि फसलों को सही मात्रा में पानी मिल रहा है। इसके अतिरिक्त, किसान सूखे की स्थिति के लिए योजना बनाने के लिए मौसम संबंधी डेटा का उपयोग कर सकते हैं ताकि वे नुकसान को कम करने के लिए उपाय कर सकें।
कृषि वैज्ञानिक डा. सी.बी. सिंह।