रक्षाबंधन भाई बहन के अटूट प्रेम का पर्व है : डॉ. सुरेश मिश्रा

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : कॉस्मिक एस्ट्रो के डॉयरेक्टर और श्री दुर्गा देवी मन्दिर पिपली (कुरुक्षेत्र ) के अध्य्क्ष ज्योतिष व वास्तु आचार्य डॉ.सुरेश मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष श्रावण मॉस के अन्तिम सोमवार 19 अगस्त 2024 पर रक्षाबंधन का पर्व है। भाई-बहन का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन इस बार विशेष होगा क्योंकि इस बार रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु शोभन का शुभ योग बन रहा है। रक्षाबंधन पर ऐसा शुभ संयोग। रक्षाबंधन के दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे और प्रात: 8 बजकर 10 मिनट तक श्रवण नक्षत्र है और इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र आरंभ होगा I भद्रा प्रातः काल 5 बजकर 53 मिन्ट से दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक पाताल में रहेगी। हिंदू परंपराओं के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के स्नेह के साथ सामाजिक संबंध को मजबूत बनाता है। इस दिन भाई अपने बहन के सभी दायित्वों को निभाने का वचन लेते हैं, तो बहन भी भगवान से अपने भाई की दीर्घायु की कामना करती हैं। रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधते हुए आरती उतारती हैं और भगवान से उनके जीवन में सुख-समृद्धि और लंबी आयु कामना करती हैं। भाई का मुख राखी बंधवाते समय पूर्व या उत्तर दिशा में सुख समृद्धि और आरोग्यता प्रदान करता है ।
रक्षासूत्र का मंत्र है- येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
इस मंत्र का सामान्यत: यह अर्थ लिया जाता है कि दानवों के महाबली राजा बलि जिससे बांधे गए थे, उसी से तुम्हें बांधता हूं। हे रक्षे ! रक्षासूत्र तुम चलायमान न हो, चलायमान न हो। धर्मशास्त्र के विद्वानों के अनुसार इसका अर्थ यह है कि रक्षा सूत्र बांधते समय ब्राह्मण या पुरोहत अपने यजमान को कहता है कि जिस रक्षासूत्र से दानवों के महापराक्रमी राजा बलि धर्म के बंधन में बांधे गए थे अर्थात धर्म में प्रयुक्त किए गये थे, उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधता हूं, अर्थात धर्म के लिए प्रतिबद्ध करता हूं। इसके बाद पुरोहित रक्षा सूत्र से कहता है कि हे रक्षे तुम स्थिर रहना, स्थिर रहना। इस प्रकार रक्षा सूत्र का उद्देश्य ब्राह्मणों द्वारा अपने यजमानों को धर्म के लिए प्रेरित एवं प्रयुक्त करना है।
रक्षा बन्धन पर धार्मिक मान्यता :
प्रात: उठकर स्नान करके यमुना व उनके भाई यमराज को प्रणाम करना चाहिए I मृत्यु के देवता यम को उनकी बहन यमुना ने इसी दिन राखी बांधी और अमर होने का वरदान दिया। यम ने इस पावन दिन को अक्षुण्ण रखने के लिए घोषणा की जो भाई इस दिन अपनी बहन से राखी बंधवाएगा और उसकी रक्षा करने का वचन देगा। वहां मेरे दूत नही जांऐगे और उसकी अकाल मृत्यु नही होगी। इस पर्व के पीछे यह भाव है कि समाज में रहने वाले लोग मिलजुल कर रहें और जरूरत पडऩे पर एक दूसरे की सहायता कर सके। यह पर्व भाईयों को शक्तिशाली होने का बोध कराता है। जिन भाईयों की बहने नही होती वे भी अपनी मुंहबोली बहन,चाहे वह किसी भी धर्म की हो, उनसे बड़े प्रेम और श्रद्धा से राखी बंधवानी चाहिए।
विशेष चौघड़िया मुहूर्त :
राखी बांधने का पर्व दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगा।
चर चौघड़िया दोपहर 2 .00 से 3 .40 तक।
लाभ चौघड़िया दोपहर 3. 40 से 5 .18 तक।
अमृत चौघड़िया सायं 5 .18 से 6 . 56 तक I
शाम 6 बजकर 59 मिन्ट से पंचक प्रारम्भ होगा जो कि 23 अगस्त 2024 शाम 7 बजकर 54 मिनट तक है I
आर्थिक उन्नति हेतु उपाय :
रक्षाबंधन के दिन भाई को अपनी बहन के हाथ से एक गुलाबी रंग के कपड़े में अक्षत, सुपारी और एक रुपए का सिक्का ले लें और बहन के पैर छूकर उसका आशीर्वाद लें। अपनी बहन को श्रद्धा और क्षमतानुसार वस्त्र, पैसे, और उपहार भेंट करें। उसके बाद जो गुलाबी कपड़ा और सामान बहन से लिया है, उसको बांधकर किसी उचित जगह पर रख दें। ऐसा करने से दरिद्रता दूर होकर आर्थिक स्थिति मजबूत बनती है।
नजर दोष का उपाय :
जो लोग नजर दोष को मानते हैं वे लोग इस दिन भाई पर लगी हुए नजर दोष को भी दूर करने के उपाय कर सकते हैं। फिटकरी लेकर उसे सात बार भाई के ऊपर से उतार कर उस फिटकरी को चूल्हे में जला दें। ऐसा करने से नजर दोष दूर होता है।
भगवान शिव की कृपा प्राप्ति का उपाय :
सोमवार को सावन माह की अंतिम तिथि है। इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाकर अभिषेक करें। हार-फूल और पूजन सामग्री के साथ ही बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल विशेष रूप से चढ़ाएं। भगवान शिव के वैदिक मंत्रों या नाम मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। धूप-दीप जलाकर आरती करें।

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