वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुमाऊं यूनिवर्सिटी नैनीताल एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के बीच हुआ एमओयू।
कुरुक्षेत्र, 22 अगस्त : प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में जहां शोध के नए आयाम स्थापित होंगे वहीं पर दूसरी ओर प्लास्टिक वेस्टेज को रीसाइक्लिंग करके सामाजिक समस्याओं को दूर किया जाएगा। आने वाले दिनों में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शोधार्थी प्लास्टिक वेस्ट टू वैल्थ विषय पर शोध करेंगे। इसके साथ ही दोनों विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं शोधार्थी शोध के विषय में नई संभावनाओं के ज्ञान का आदान-प्रदान करेंगे। यह उद्गार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने गुरुवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कमेटी रूम में रसायन विभाग, कुमाऊं यूनिवर्सिटी नैनीताल (केयूएन) तथा कुवि के भौतिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय परियोजना के अंतर्गत वेस्ट टू वैल्थ रीसाइक्लिंग प्लास्टिक मैनेजमेंट के तहत एमओयू के अवसर पर सभी को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस मौके पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा तथा कुमाऊं विश्वविद्यालय के रिसर्च एंड डेवलपमेंट, नेनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी के निदेशक प्रो. एनजी साहू ने हस्ताक्षर किए गए।
कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि वर्तमान दौर में प्लास्टिक वेस्ट सबसे बड़ी सामाजिक समस्या है। इस समस्या के समाधान के लिए एमओयू के माध्यम से नए रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक वेस्ट टू वैल्थ के माध्यम से शोध की नई संभावनाएं पैदा होंगी। इससे सिविल इंजीनियरिंग, ऊर्जा स्टोरेज, दवाइयां, जल शुद्धिकरण एवं रोड बनाने के लिए मैटेरियल की उपलब्धता भी हासिल होगी। इस एमओयू के तहत दोनों विश्वविद्यालयों में उपलब्ध शिक्षण, अकादमी, शोध, प्रयोगशालाओं की सुविधाओं का लाभ स्टाफ संकाय और छात्र साझा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि एमओयू के अनुसार दोनों विश्वविद्यालयों के नियमों अनुसार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा कुमाउं विश्वविद्यालय नैनिताल के चयनित छात्रों को प्रशिक्षण एवं इंटर्नशिप सुविधाएं भी प्रदान की जा सकेंगी। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी छात्रों के लिए इंटर्नशिप का प्रयोजन किया है।
उल्लेखनीय है कि नेशन मिशन ऑन हिमालयान स्टडीज मिनिस्ट्री ऑफ इनवार्यमेंट एंड फोरेस्ट क्लामेट चेंज के तहत इस प्रोजेक्ट के लिए 1.9 करोड़ की ग्रांट प्रदान की गई है। भौतिकी विभाग की डॉ. सुमन मेहंदिया ने एमओयू के अवसर पर इस प्रोजेक्ट की संभावनाओं की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में क्वायन सैल, पाउच सैल के माध्यम से बैटरियों में प्रयोग होने वाली मैटेरियल पर शोध करेगा।
इस अवसर पर भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रो. फकीर चंद ने एमओयू से पूर्व प्लास्टिक वेस्ट टू वैल्थ विषय पर भौतिकी विभाग की भावी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भौतिकी विभाग के शोध छात्रों एवं शिक्षकों के लिए यह एमओयू वरदान साबित होगा।
इस मौके पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के रिसर्च एंड डेवलपमेंट, नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी के निदेशक प्रो. नंद गोपाल साहू ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए इस क्षेत्र में जो शोध हुए हैं, उन पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में वेस्ट प्लास्टिक मैनेजमेंट के माध्यम से जो प्लांट लगाए गए है उनके विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. अनिल वशिष्ठ, प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. संजीव अग्रवाल, प्रो. फकीर चंद, प्रो. आरके मौदगिल, डॉ. अनु शर्मा, डॉ. सुमन मेहंदिया, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, डॉ. राजेश खरब, उपकुलसचिव डॉ. दीपक शर्मा मौजूद रहे।