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भगवान श्री कृष्ण का धर्मनगरी में हुआ बार बार आगमन तो यहां जन्माष्टमी का विशेष महत्व।
कुरुक्षेत्र, 26 अगस्त : जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि धर्मनगरी एवं तीर्थों की संगम स्थली कुरुक्षेत्र तो ऐसी भूमि है जिस पर भगवान श्री कृष्ण का बार बार आगमन हुआ है। इस धरती पर तो भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को मनाने का तो विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र की धरती पर ही भगवान श्री कृष्ण एवं उनके बड़े भ्राता बलराम का बाल्यकाल में मुंडन संस्कार हुआ। यहीं पर भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत की युद्धस्थली में वीर अर्जुन के माध्यम से सृष्टि को गीता का संदेश दिया। कुरुक्षेत्र में ही सैंकड़ों वर्षों बाद सूर्यग्रहण के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण का राधा, गोपियों एवं संबंधियों से पुनर्मिलन हुआ। महंत राजेंद्र पुरी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से ही जग ज्योति दरबार में श्री कृष्ण जन्माष्टमी श्रद्धा व धूमधाम से मनाई गई। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर पूरा दिन भगवान श्री कृष्ण भजनों का गुणगान हुआ तो भजनों की मस्ती में महंत राजेंद्र पुरी श्रद्धालुओं संग खूब झूमे। उन्होंने कहा कि गीता में भगवान श्री कृष्ण के संदेश अनुसार मनुष्य को अपना निष्काम भाव से कर्म करते रहना चाहिए।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर श्रद्धालुओं के साथ महंत राजेंद्र पुरी।