वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
आशा सिंगला को चलो चलें प्रकृति के साथ के लिए किया गया सम्मानित।
कुरुक्षेत्र, 29 अगस्त : नगर के प्रमुख प्रेरणा वृद्धाश्रम की प्रमुख प्रबंधन कमेटी की पदाधिकारी एवं प्रेरणा संस्था की उपाध्यक्षा आशा सिंगला को काव्यांजलि साहित्यिक मंच द्वारा आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। आशा सिंगला को प्रमुख विद्वानों द्वारा उन्हें समाज सेवा के साथ उनकी पहली पुस्तक चलो चलें प्रकृति के साथ के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए 200 पुस्तकों के रचयिता और सूर पुरस्कार विजेता डा. मधु कांत ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि आशा सिंगला ने समाज सेवा एवं परिवार की जिम्मेदारियों के साथ अपने पतिदेव की राह पर चलते हुए साहित्य के क्षेत्र में उतरी हैं। उन्होंने कहा कि मैंने उनकी काफी कविताएं पढ़ी हैं। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से जन मानस को जो संदेश दिया है वह अत्यंत प्रशंसनीय है। इस अवसर पर विख्यात कवयित्री बृजबाला गुप्ता ने कहा कि आज आशा सिंगला को सम्मानित करते हुए हम बहुत गर्व और गौरव का अनुभव कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रो. श्याम लाल कौशल ने कहा कि आशा सिंगला में जन्मजात प्रतिभा है जो उनकी कविताओं को पढ़कर स्पष्ट हो जाता है। प्रो. विपिन गुप्ता ने कहा कि मैंने किसी भी लेखक की ऐसी पहली पुस्तक नहीं देखी जिसमें उन्होंने इतनी परिपक्वता का परिचय दिया हो जितना आशा सिंगला ने दिया है। आशा सिंगला ने अपने धन्यवाद भाषण में कहा कि हालांकि वे अपने कालेज के समय से ही कविताएं लिख रही हैं लेकिन संकोच वश उन्होंने कभी प्रकाशित करने की नहीं सोची। उनके पति डा. जय भगवान सिंगला ने प्रोत्साहित किया और प्रेरणा दी की यह बहुत सुंदर पुस्तक बनेगी इसलिए इसे अवश्य छपवाना चाहिए। इस अवसर पर डा. जय भगवान सिंगला, डा. रमाकांता शर्मा, कांता बंसल व अन्य साहित्यकार मौजूद रहे। इस अवसर पर ब्रिज वाला गुप्ता के काव्य संग्रह मौन की गूंज का भी विमोचन किया गया।
आशा सिंगला को सम्मानित करते हुए।