दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : श्री बांके बिहारी मंदिर में सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास परम पूज्य श्री धनञ्जय दास जी महाराज मलूकपीठ ने भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं और रासलीला का भावपूर्ण वर्णन किया। भगवान श्री कृष्ण की मनोरम झांकी का अवलोकन कराया है।
पूज्य महाराज श्री ने कृष्ण जन्म कथा के बाद कथा को आगे बढ़ाते हुए पूतना वध, यशोदा मां के साथ बालपन की शरारतें, भगवान श्रीकृष्ण का गो प्रेम, कालिया नाग मान मर्दन, माखन चोरी गोपियों का प्रसंग सहित अन्य कई प्रसंगों का कथा के दौरान वर्णन किया। कंस का आमंत्रण मिलने के बाद भगवान श्री कृष्ण बड़े भाई बलराम जी के साथ मथुरा को प्रस्थान करते हैं। श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथा व्यास द्वारा बीच-बीच में सुनाए गए भजन पर श्रोता भाव विभोर हो गए।
हरी नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता
कथा व्यास श्री धनञ्जय दास जी महाराज मलूकपीठ ने बताया कि भागवत कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है। कलयुग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि कलयुग में मानस पुण्य तो सिद्ध होते हैं। परंतु मानस पाप नहीं होते। कलयुग में हरी नाम से ही जीव का कल्याण हो जाता है। कलयुग में ईश्वर का नाम ही काफी है सच्चे हृदय से हरि नाम के सुमिरन मात्र से कल्याण संभव है।
इसके लिए कठिन तपस्या और यज्ञ आदि करने की आवश्यकता नहीं है। जबकि सतयुग, द्वापर और त्रेता युग में ऐसा नहीं था।इस मौके पर अध्यक्ष विनोद ग्रोवर,महासचिव दिनेश तनेज़ा,जेपी भाटिया,विजय गुप्ता,विजय बंसल,होशियार सिंह,मनोहर लाल,विमल महलोत्रा,नितिन भाटिया मौजूद थे ।