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पीठ, जोड़ों के दर्द व तनाव को दूर करने में कारगर है फिजियोथेरेपी : डा. खुशबू।
कुरुक्षेत्र, 7 सितंबर : रविवार 8 सितंबर को मनाए जाने वाले विश्व फिजियोथेरेपी दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को सतयुग दर्शन चेरिटेबल डिस्पेंसरी शीला नगर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर फिजियोथेरेपी वार्ड को रंग-बिरंगे बैलून से सजाया गया। जनरल फिजिशियन डा. विष्णु दत्त शर्मा, फिजियोथेरेपिस्ट डा. खुशबू, दंत चिकित्सक डा. दीक्षा सैनी व केंद्र के सदस्य जितेंद्र अरोड़ा ने फिजियोथेरेपी वार्ड का रिबन काटा और लड्डू बांटकर इस दिवस को मनाया। फिजियोथेरेपिस्ट डा. खुशबू ने फिजियोथैरेपी चिकित्सा पद्धति को वर्तमान समय में काफी महत्वपूर्ण चिकित्सा पद्वति करार दिया। उन्होंने कहा कि आज के समय में बहुत से लोगों को ऐसी बीमारी होती है जोकि दवाइयों से या किसी भी मेडिसिन से नहीं ठीक हो पाती है। यदि संबंधित रोग पर दवा प्रभावी भी होती है तो उस इलाज में खर्च अधिक आ जाता है और दवाइयों से होने वाले दुष्प्रभाव का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में फिजियोथेरेपी चिकित्सा पद्धति है एक वरदान की तरह है। उन्होंने कहा कि फिजियोथेरेपी चिकित्सा पद्धति में भौतिक साधनों व एक्सरसाइज का उपयोग करके चोट या बीमारियों का निदान और उपचार करने का विज्ञान है। जो लोगों की शारीरिक शक्ति, कार्य, गति और समग्र सुख को बहाल, रख रखाव और अधिकतम करने में मदद करती है। फिजियोथेरेपी जीवन को न केवल बेहतर बनाती है, बल्कि एक नई ऊर्जा और आत्मविश्वास भी प्रदान करती है। इस अवसर पर नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. मनीश कुकरेजा, अटेंडेंट निशा रानी, विजय, राजू, सुमन, काजल, हैप्पी, स्वीटी मौजूद रहे।
इन रोगों में कारगर है फिजियोथेरेपी।
फिजियोथेरेपिस्ट डा. खुशबू ने बताया कि फिजियोथेरेपी के जरिए पीठ दर्द, जोड़ों के दर्द, घुटनों का दर्द, लकवा, अधरंग व खेल के दौरान लगी चोट, तनाव, महिलाओं की चोट, बुजुर्गों की चोट, बुजुर्गों की सामान्य रोग, बच्चों की बीमारियां या किसी भी बच्चे का संतुलन न बन पाना, आपरेशन के बाद फिजियोथैरेपी चिकित्सा संबंधित दिक्कतों को बहुत ही आसानी से दूर करती है।
सतयुग दर्शन चैरिटेबल डिस्पेंसरी शीला नगर में फिजियोथेरेपी वार्ड का रिबन काटते चिकित्सक।