इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने मनाया हिंदी दिवस
दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : हम अन्य भाषाओं को अपनाकर अपनी मातृभाषा को भूलते जा रहे है।
‘हिंदी एक ऐसे संमदर की तरह है। जहां सारी भाषाएं एक साथ आकर मिलती है। यह बातें कहीं मुख्य अथिति शिक्षा एवम् इंजीनियरिंग संकाय डीन प्रो. आरके शुक्ला ने। वह हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस कार्यक्रम का आयोजन इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की ओर से किया गया।
कुलाधिपति डॉ. उमेश गौतम और कार्यकारी निदेशक पार्थ गौतम की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से की गई। इस अवसर पर संकायाध्यक्ष प्रो. आरके शुक्ला मुख्य अथिति रहे, जिन्होंने छात्रों को हिंदी भाषा के बारे में जानकारी देते हुए हिंदी भाषा की चुनौती पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हिंदी भाषा अगर हिंदुस्तान से खत्म हो गई आगे उन्होने कहा कि आप जो भी भाषा सीखो लेकिन हिंदी भाषा को ज़रूर सीखना। जिस वजह से हिंदी भाषा को एक व्यापक पहचान मिली है। क्षेत्रीय भाषाओं के प्रति चिंता ज़ाहिर करते हुए उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी मातृभाषा के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं को भी बढ़ावा देना चाहिए।
पत्रकारिता एवम् जनसंचार विभाग डीन डॉ. राजेश शर्मा ने हिंदी दिवस पर बोलते हुए कहा हिंदी भाषा अपने में कई भाषा को समेटे हुए है, जिसमें तमाम भाषाओं की नदियां समाहित हो जाती हैं। इसके कारण हिंदी में बांग्ला, तमिल तेलुगु, मलयालम, गुजराती, अंग्रेजी समेत तमाम भाषाओं के शब्द शामिल हुए और सभी को स्वीकार हो गए।‘हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की ज़रूरत है। ताकि हिंदी का मान सम्मान देश विदेशों में हो। भाषा और बोली हर दूरी पर बदलती जाती हैं इसके बावजूद हिंदी का प्रभाव हर भाषा पर और हर भाषा का प्रभाव हिंदी पर दिखाई देता है. सिनेमा के ज़रिए हिंदी भाषा को एक नयी पहचान मिली हैं।
विभाग के छात्रों ने हिंदी भाषा के महत्व पर आधारित कविता पाठ, संगीत एवं नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विभागाध्यक्ष डॉ. ललित कुमार ने बताया कि कैसे हिंदी भाषा करोड़ों लोगों के जीवन की भाषा है। हिंदी भाषा के जरिए समाज को कैसे जोड़ा जाए।यही कारण है कि आज हिंदी भाषा का बाज़ार कई लाख करोड़ रुपए का हैं। उन्होंने पत्रकारिता के विद्यार्थियों को बताया की अपनी भाषा में रचनात्मक रुचि रखे साथ ही हिंदी भाषा को आंनद के साथ पढ़ना, लिखना और बोलना जारी रखें। इसके बाद विभाग के सभी छात्रों ने हिंदी भाषा पर अपने विचार रखे। इस मौके पर विभाग के सभी सहायक प्राध्यापकों सहित छात्र-छात्राओं की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही।