वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुवि में मोटे अनाज से बने व्यंजनों को बनाना सिखाया गया।
कुरुक्षेत्र, 27 सितम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग की अध्यक्षा प्रो. तरविन्द्र जीत कौर ने कहा कि मोटा अनाज गेहूं और चावल से ज्यादा पौष्टिक होते हैं और हमें बीमारियों से बचाते हैं। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह 2024 के उपलक्ष्य में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र के सीडीपीओ और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोटे अनाज के बारे में व्याख्यान देते हुए बोल रही थी। उन्होने व्याख्यान के माध्यम से मोटे अनाज क्या होते हैं, उनकी पौष्टिकता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को मोटे अनाज से बने व्यंजनों को बनाना सिखाया गया। इसमें उन्हें अंकुरित रागी सूप, सामक पेठा सूप, अंकुरित ज्वार, मूंगफली सलाद, अंकुरित रागी, भूना चना सूपव, कंगनी पुलाव, ज्वार कढ़ी, कुरकी इडली और मीठे में रागी ब्राउनी और रागी हलवा को बनाने की विधि सिखाई गई एवं व्यंजनों का सेवन कराया गया। इस प्रयोगशाला में कार्यकर्ताओं ने मोटे अनाज के बारे में बहुंत सारी जानकारियां ग्रहण की।
प्रो. तरविन्द्र जीत कौर ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य मोटे अनाज का प्रयोग व लाभ के बारे में जानकारी प्रदान करना था।