शिक्षक शोध के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में दे योगदान : डॉ. शिवांगी कौशिक।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

केयू एमएमटीटीसी द्वारा एनईपी के संवेदीकरण व अभिमुखता कार्यक्रम में अनुसंधान एवं विकास पर हुआ मंथन।

कुरुक्षेत्र, 27 सितम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पंडित मदनमोहन मालवीय अध्यापक प्रशिक्षण केन्द्र के तत्वावधान में एनईपी के 19 वें संवेदीकरण एवं अभिमुखता ऑनलाइन कार्यक्रम के आठवें दिन डॉ. शिवांगी कौशिक, श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय ने बतौर विषय विशेषज्ञ कहा कि शिक्षक शोध के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान दें। उन्होंने कहा कि शिक्षक का कर्तव्य न केवल कक्षा शिक्षण है बल्कि शोध करना भी है। उन्होंने सकल विकास उत्पाद, स्किमागो जर्नल रैंक, अनुसंधान परियोजना, शोध, पेटेंट, राज्य के सप्तांग सिद्धांत, विश्लेषक सॉफ़्टवेयर, आदि उपविषयों से भी प्रतिभागियो को अवगत किया।
दूसरे विषय विशेषज्ञ प्रो. दीपक कुमार चौहान, विधि विभाग, विधिक अध्ययन स्कूल, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ पंजाब, बठिंडा ने प्रतिभागियों को अनुसंधान और विकास में व्यापक अंतर्दृष्टिः उभरते प्रतिमान, रणनीतिक प्रबंधन और भविष्य दिशा-निर्देश के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में संस्थान की निदेशिका प्रो. प्रीति जैन के निर्देशानुसार, कार्यक्रम की संयोजिका, डॉ. पूजा ने सभी प्रतिभागियों व विषय विशेषज्ञों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।

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