नबी के वसूलों पर चलने की दी हिदायत
ईद मिलादुन्नबी जलसे का किया गया आयोजन
आजमगढ़। मोहल्ला एवलल में रविवारकी शाम ईद मिलादुन्नबी जलसे का आयोजन किया गया। अंबेडकर नगर जिले से आए मौलाना मोईनुलहक मिस्बाहीने जलसे को िख ताब करते हुए कहा कि अल्लाह ताला ने अपने आखिरी नबी को दुनिया में हिदायत के लिएदुनिया में भेजा। उन्होंने अपने उमतियों को जो पैगाम दिया आज उनकी उम्मती उस रास्ते से भटक रहे हैं। मौलाना मिस्बाही ने कहा कि जो विज्ञान आज हमें बता रहा है हमारे कुरान ने
हर बात का तस्करा 14 सौसाल वह पहले ही कर दिया था। मौलाना ने कहा कि हर धर्म ग्रंथों
में हमारे नबी के दुनिया में पैदा होने से पहले ही उनका जिक्र कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि नबी करीम के आने से पहले लोग अपनी बेटियों का गला घोंटदेते थे, शराब पीते जुआ खेलते और मूर्ति पूजा करते थे। हमारे नबी ने दुनिया से इन बुराइयों को खत्म करने के साथ ही अल्लाह के मुताबिक हर अच्छी चीजों को हलाल और बुरी चीजों को हराम किया। उन्होंने कहा कि यह बड़े शर्म की बात है कि आज उनकी उम्मती कुरान को अच्छी तरह से न समझने के कारण अपने रास्ते से भटक रहे हैं। मौलाना मिस्बाही ने कहा कि अल्लाह ने उनको वह मरतबा अता की थी कि उन्होंने उनकी जिंदगी में ही 10 सहाबा को जन्नती होने की बशारत दे दी थी। अंत में उन्होंने कहा कि हुजूर करीम के उम्मतियों को उनके नक्शे कदम पर चलते हुए सर को कभी भी नंगा नहीं रखना चाहिए,सिर पर पर हमेशा टोपी लगाए रहना चाहिए। बैठकर पानी पीना और बैठकर आबदस्त लेना भी सुन्नत में शामिल है। कहां की अगर हम पांच वक्त की नमाज और इन वसूलों का पालन करें तो हर मुसीबत और रोगों से बच सकते हैं। ईद मिलादुन्नबी जलसा शुरू होने से पहले नातिया कलाम पेश करने वाले शायरों ने अपने कलाम के जरिए हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो सल्लम की खूबियां का बयान किया। इस मौके पर नातिया कलाम पढ़ने वाले शहरों में अशफाक अली, अजीम अहमद अजीम अहमद हाफिज आफताब, सरफराज, मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल रहीम शाहनेवाजअहमद, इंजीनियर इजहार अहमद, जुम्मन शाह, गोलू, भोलू,सारिक, नौशाद शाहिद अफरोज, फखरुद्दीन सहितमोहल्ले के सभी लोग मौजूद रहे।