वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र, 27 अक्टूबर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रत्नावली महोत्सव में केयू ऑडिटोरियम के क्रश हाल में 80 साल पुराना हरियाणवी दामण आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। आरकेएसडी कॉलेज कैथल की टीम द्वारा हरियाणा संस्कृति एवं कला से संबंधित हुक्का, पीतल की थाली, परात, गिलास, टोकनी तथा लकड़ी की रई, बोइया, डेगची, झिंकी, माम जस्ता व कांसे का गिलास सहित साग-सब्जी काटने वाला द्रांत वस्तुओं को प्रदर्शित किया। प्रतिभागी छात्रा मासूम ने बताया कि यह 80 साल पुराना दामण उनकी दादी रिजका देवी का है तथा उन्होंने इसे संभालकर रखा है। हरियाणवी दामणहरियाणवी में गांव की महिलाओं में विशेष स्थान रखता है तथा यह परिधान का हरियाणवी संस्कृति का प्रतीक भी है।
आरकेएसडी कॉलेज के प्रतिभागियों द्वारा पुराने नोट एवं सिक्के भी प्रदर्शित किए गए हैं जिसे देख दर्शक भी अचम्भित हो गए। पुराने नोट में एक व दो रुपये के नोट सहित आजादी से पहले अंग्रेजों के जमाने के सिक्कों सहित दमड़ी, कौड़ी, तांबे के सिक्के, एक पैसा, दौ पैसा, पांच पैसा, दस, बीस, पच्चीस एवं पचास पैसे के सिक्के भी प्रदर्शित किए गए। प्रतिभागी टीम ने बताया कि यह नोट एवं सिक्के उन्हें उनके बडे़-बुजुर्गों ने दिए हैं जिसे उन्होंने संभाल कर रखा है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा प्रदर्शित हरियाणवी कला एवं संस्कृति, धरोहर एवं ऐतिहासिक पुराने नोट एवं सिक्के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी समृद्ध हरियाणवी संस्कृति एवं विरासत को संरक्षित करना तथा आने वाली पीढ़ियों को उसके बारे में प्रचार-प्रसार करना ही हमारा उद्देश्य है।