दिव्या ज्योति जागृती संस्थान फिरोजपुर के आश्रम में साप्ताहिक सत्संग प्रोग्राम का किया गया आयोजन

दिव्या ज्योति जागृती संस्थान फिरोजपुर के आश्रम में साप्ताहिक सत्संग प्रोग्राम का किया गया आयोजन

फिरोजपुर 03 नवंबर [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=

दिव्य ज्योति जागृती संस्थान फिरोजपुर के स्थानीय आश्रम में साप्ताहिक सत्संग प्रोग्राम का आयोजन किया गया । संगत को संबोधित करते हुए सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की परम शिष्य साध्वी सुश्री रितेश्वरी भारती जी ने कहा कि आज कल तनाव अथवा टेंशन एक सर्वव्यापी रोग बन चुका है। हमें टेंशन होती किस लिए है? इसका उत्तर है कि हम में अटेंशन का अभाव है अटेंशन माने ईश्वर को जानने के प्रति सजग़ता और जागरूकता। आज के समय में एक देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लोग तनावग्रस्त होते जा रहे हैं। प्रत्येक राष्ट्र की यही देश दशा है। और भी दुखद बात यह है कि यह आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं और पिछले कई सालों से यह आंकड़े तेजी से वृद्धि कर चुके हैं।
साध्वी जी ने बताया कि तनाव का सबसे बड़ा कारण है अज्ञानता । अधिकतर लोग अपनी आंतरिक शक्तियों से अनजान है, उन्हें बौध ही नहीं है कि शक्ति का कितनाअथाह पुंज उनके भीतर समय हुआ है। अपने सामर्थ्य से अनभिज्ञ होने के कारण ही वह परिस्थितियों के आगे घुटने टेक देते हैं । जरा सा प्रतिकूल दबाव पड़ता है कितना तनावग्रस्त हो जाते हैं। इसके विपरीत जो अपनी भीतरी शक्ति का अनुभव कर लेते हैं वह तो बढ़ते दबाव के साथ और सशक्त होते जाते हैं। ठीक जैसे पारा। क्योंकि पारे पर जितना दबाव पड़ता है वह उतना ही कठोर होता जाता है, उतना ही दबाव वह विपरीत दिशा में डालता है। इसी प्रकार जागृत लोक भी विपरीत परिस्थितियों के दबाव में और मजबूत हो जाते हैं। हताश निराश नहीं होते बल्कि ओर भी निखर उठते हैं।
साध्वी जी ने आगे अपने विचारों में कहा कि जो अपनी भीतरी शक्ति को जान लेता है वह तनाव ग्रस्त नहीं होता बल्कि ऐसी स्थिति में वह ओर सशक्त होता जाता है। अपनी भीतरी शक्ति को जानने के लिए हमें जरूरत है ऐसे तत्वदर्शी ब्रह्म ज्ञानी महापुरुष की जो हमें ब्रह्म ज्ञान की विधि से उस ईश्वर से जोड़ दे जो हमारे भीतरी शक्ति का पुंज है। फिर ही हम बाहरी तनाव से बच सकते हैं और ज्यादा आंतरिक शक्ति से मजबूत हो सकते हैं।
आज के कार्यक्रम के दौरान साध्वी करमाली भारती जी ने संगत को हमारे धार्मिक शास्त्रों के अनुसार चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि हमें हमारे महापुरुषों के द्वारा दिए गए अनमोल खजाने धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पूर्ण सतगुरु की खोज करनी चाहिए जो हमें ईश्वरीय शक्ति से मिला सकते हो । कार्यक्रम में साध्वी रमन भारती जी ने समुद्र भजनों का गायन किया।

फिरोजपुर 03 नवंबर [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=

दिव्य ज्योति जागृती संस्थान फिरोजपुर के स्थानीय आश्रम में साप्ताहिक सत्संग प्रोग्राम का आयोजन किया गया । संगत को संबोधित करते हुए सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की परम शिष्य साध्वी सुश्री रितेश्वरी भारती जी ने कहा कि आज कल तनाव अथवा टेंशन एक सर्वव्यापी रोग बन चुका है। हमें टेंशन होती किस लिए है? इसका उत्तर है कि हम में अटेंशन का अभाव है अटेंशन माने ईश्वर को जानने के प्रति सजग़ता और जागरूकता। आज के समय में एक देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लोग तनावग्रस्त होते जा रहे हैं। प्रत्येक राष्ट्र की यही देश दशा है। और भी दुखद बात यह है कि यह आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं और पिछले कई सालों से यह आंकड़े तेजी से वृद्धि कर चुके हैं।
साध्वी जी ने बताया कि तनाव का सबसे बड़ा कारण है अज्ञानता । अधिकतर लोग अपनी आंतरिक शक्तियों से अनजान है, उन्हें बौध ही नहीं है कि शक्ति का कितनाअथाह पुंज उनके भीतर समय हुआ है। अपने सामर्थ्य से अनभिज्ञ होने के कारण ही वह परिस्थितियों के आगे घुटने टेक देते हैं । जरा सा प्रतिकूल दबाव पड़ता है कितना तनावग्रस्त हो जाते हैं। इसके विपरीत जो अपनी भीतरी शक्ति का अनुभव कर लेते हैं वह तो बढ़ते दबाव के साथ और सशक्त होते जाते हैं। ठीक जैसे पारा। क्योंकि पारे पर जितना दबाव पड़ता है वह उतना ही कठोर होता जाता है, उतना ही दबाव वह विपरीत दिशा में डालता है। इसी प्रकार जागृत लोक भी विपरीत परिस्थितियों के दबाव में और मजबूत हो जाते हैं। हताश निराश नहीं होते बल्कि ओर भी निखर उठते हैं।
साध्वी जी ने आगे अपने विचारों में कहा कि जो अपनी भीतरी शक्ति को जान लेता है वह तनाव ग्रस्त नहीं होता बल्कि ऐसी स्थिति में वह ओर सशक्त होता जाता है। अपनी भीतरी शक्ति को जानने के लिए हमें जरूरत है ऐसे तत्वदर्शी ब्रह्म ज्ञानी महापुरुष की जो हमें ब्रह्म ज्ञान की विधि से उस ईश्वर से जोड़ दे जो हमारे भीतरी शक्ति का पुंज है। फिर ही हम बाहरी तनाव से बच सकते हैं और ज्यादा आंतरिक शक्ति से मजबूत हो सकते हैं।
आज के कार्यक्रम के दौरान साध्वी करमाली भारती जी ने संगत को हमारे धार्मिक शास्त्रों के अनुसार चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि हमें हमारे महापुरुषों के द्वारा दिए गए अनमोल खजाने धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पूर्ण सतगुरु की खोज करनी चाहिए जो हमें ईश्वरीय शक्ति से मिला सकते हो । कार्यक्रम में साध्वी रमन भारती जी ने समुद्र भजनों का गायन किया।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्र गगहा थाना के अंतर्गत ग्राम कहला गांव में लाखों की चोरी

Mon Nov 4 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Email गगहा थाना क्षेत्र के कहला गांव में बिनोद हरिजन के घर दुकान का ताला तोड़कर तीन बोरा चप्पल जुते लेपटॉप केराना का सामान व सोने की अंगूठी सहितलाखों की चोरी।।पिडित ने पहले 112पर सूचना दी उसके बाद गगहा थाना […]

You May Like

advertisement