वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
केयू यूआईईटी संस्थान में स्वदेशी जागरण मंच व स्वावलंबी भारत द्वारा राष्ट्र ऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जन्म दिवस पर स्वदेशी स्वावलंबन दिवस ‘जिला सम्मेलन’ आयोजित।
कुरुक्षेत्र, 12 नवंबर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि स्वदेशी से ही स्वावलंबी भारत अभियान सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि यदि हम स्वदेशी आधारित देश को प्रथम स्थान पर रखते हुए अपना व्यवसाय प्रारंभ करेंगे तो स्वावलंबन भारत अभियान को बड़ी ताक़त मिलेगी। वे स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वावलंबी भारत अभियान कुरुक्षेत्र द्वारा श्रद्धेय राष्ट्र ऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जन्म दिवस के उपलक्ष में यूआईईटी के प्रांगण में स्वदेशी स्वावलंबन दिवस “जिला सम्मेलन“ के लिए आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इस अवसर पर डॉ. रणवीर सिंह, कार्यक्रम संयोजक ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं परिचय करवाया। इसके पश्चात सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए स्वावलंबन के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि देश में 37 करोड़ युवा है तथा जिस तरीक़े से युवा उद्यमिता को लेकर आगे बढ़ रहे हैं तो 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था 10 ट्रिलियन डालर हो जाएगी। भारतीय अर्थव्यवस्था नए कीर्तिमान स्थापित कर देश को विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर करेगी।
इसी कड़ी में मुख्य वक्ता डॉ. प्रीतम सिंह, निदेशक डॉ. बीआर अंबेडकर स्टडी सेंटर ने श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जीवन चरित्र पर दृष्टि डालते हुए कहा कि आर्थिक जगत के बड़े आर्थिक चिंतक रहे और अपने ज्ञान और कृतत्व से दो बार राज्यसभा सांसद रहे। अपना पूरा जीवन राष्ट्रीय चिंतक के रूप में जाना गया है। उन्होंने अपने जीवन काल में स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत तथा विश्व स्तर के मंचों की स्थापना की। दत्तो पंत जी प्रारंभ से ही ‘राष्ट्र भक्ति, स्वदेशी जीवन शैली आधारित स्वरोजगार के पक्षधर रहे है। उन्होंने कहा कि आज युवाओं को स्वरोजगार निर्माण पर बल देना चाहिए इसलिए युवाओं को स्वावलम्बी भारत को बढ़ावा देने के लिए आगे आना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान चित्रकला, स्लोगन राइटिंग, और कविता पाठ प्रतियोगिताएं आयोजित हुई जिसमें दिव्या ने दिव्या, तमन्या द्वितीय व मुस्कान ने तृतीय स्थान हासिल किया। विजेता प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देखकर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में डॉ. देवेंद्र बीबीपुरिया, डॉ राजरतन, अर्चना शर्मा एवं तरुण जोशी ने निर्णायक की भूमिका निभाई। इस अवसर पर कंवल सचदेवा ने स्वदेशी जागरण मंच की वार्षिक गतिविधियों की जानकारी सभी के समक्ष रखी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के 14 नए विद्यार्थी जुड़ने पर उनका दायित्व परिचय करवाया गया।
ऑनलाइन माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 16 देशों ने की प्रतिभागिता
कार्यक्रम के दौरान आयोजित ऑनलाइन सत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 16 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जिसमें मुख्यतः श्री श्री रविशंकर जी, डॉ. चिन्मयानंद पंड्या, आर.सुंदरम राष्ट्रीय संयोजक, डॉ. भगवती प्रकाश राष्ट्रीय समन्वयक, कश्मीरी लाल, राष्ट्रीय संगठक का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। अंत में प्रोफेसर सुनील ढींगरा ने कार्यक्रम में आए हुए सभी कार्यकर्ताओं, प्रतिभागियों एवं अतिथियों का धन्यवाद किया। मंच का संचालन हरिकेश पपोसा ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप गगनदीप, योगेश, ताराचंद (पूर्ण कालिक), सीए अश्वनी जैन, प्रो. रमेश ढांडा, डॉ. संतोष कुमार, उर्वशी, मिली, रिया, ज्योति, खुशी, चेतना, आलोक, आदित्य, गौरव, संजीव, कुलदीप मौजूद रहे।