भ्रष्ट अधिकारी का अड्डा बना मेहनगर तहसील
उत्तर प्रदेश के जनपद आजमगढ़ अंतर्गत मेहनगर तहसील में इन दिनों तहसीलदार पद पर तैनात तहसीलदार चमन सिंह द्वारा मोटी रकम लेकर न्यायालय की पत्रावलीयों में साक्ष को नजर अंदाज कर मनमाने ढंग से आदेश पारित किया जा रहा हैं। जिसकी शिकायत पीड़ित ने महामहिम राज्यपाल महोदय कार्यालय लखनऊ,व माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय, लखनऊ सहित राजस्व परिषद लखनऊ ,जिलाधिकारी आजमगढ़ मंडलायुक्त आजमगढ़, सीआर ओ आजमगढ़, एडीएम प्रशासन आजमगढ़ उपजिलाधिकारी मेहनगर के यहां किया। परंतु इस पद भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई हैं।
1- मामला उत्तराधिकार को लेकर था।
2- मामला उपजिलाधिकारी न्यायालय के निरस्त आदेश को मेहनगर तहसीलदार चमन सिंह द्वारा पुनः बहाल किये जाने को लेकर था।
3- साक्ष सबूत के बाद भी एक विवाहिता को विधवा मानकर उत्तराधिकार दिये जाने को लेकर का था।
4- उपजिलाधिकारी न्यायालय से प्रत्यावर्तित पत्रावली में वादी कभी किसी तारीख पर नहीं आई। पत्रावली सुनवाई दौरान वादी का पता नहीं वादी के पक्ष में तहसीलदार चमन सिंह द्वारा आदेश किये जाने को लेकर था।
5- वादी एक विवाहिता थी उक्त विवाहिता महिला को मेहनगर तहसीलदार चमन सिंह ने विधवा मानते हुए निरस्त आदेश को पुनः बहाल किये जाने को लेकर था।
उपरोक्त बिन्दुओं को लेकर पीड़ित ने शासन स्तर पर तहसीलदार चमन के कृत्य की जांच कराने तथा दोषी तहसीलदार चमन सिंह के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की गयी थीं। लेकिन चार माह बित जाने के बाद भी तहसीलदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही शासन स्तर से नहीं की गयी हैं। जिसको लेकर पीड़ित परिवार में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त हैं।