उत्तराखंड: हरिद्वार महाकुंभ में स्वास्थ्य विभाग के दावे फेल, नही बन पाई वायरोलॉजी लैब, बाहर भेजे जा रहे कोविड सैपल।

उत्तराखंड: हरिद्वार महाकुंभ में स्वास्थ्य विभाग के दावे फेल, नही बन पाई वायरोलॉजी लैब, बाहर भेजे जा रहे कोविड सैपल।
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक

हरिद्वार राजकीय मेला अस्पताल में वायरोलॉजी लैब न बनने से कोविड नियंत्रण की कवायद को बड़ा झटका लगा है। जबकि स्वास्थ्य विभाग महाकुंभ शुरू होने से पहले वायरोलॉजी लैब के निर्माण का दावा किया था।आशंका के मुताबिक महाकुंभ मेला शुरू होने के साथ जिले में कोविड संक्रमितों की संख्या बेतहाशा बढ़ने लगी है। जिले के सभी आरटीपीसीआर सैंपल कोविड जांच के लिए बाहर भेजे जा रहे हैं। इसके चलते कोविड जांच रिपोर्ट आने पर दो से तीन दिन का समय लग रहा है।कोविड की पहली लहर के बीच जिले में संक्रमितों के बढ़ते केस को देखते स्वास्थ्य विभाग ने राजकीय मेला अस्पताल में वायरोलॉजी लैब स्थापित करने की कवायद शुरू की थी। पिछले साल 28 अप्रैल को तत्कालीन सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी की नेतृत्व में विभागों की संयुक्त टीम ने मेला अस्पताल में सर्वे भी किया। लैब के निर्माण के लिए चार करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। प्रस्ताव को स्वीकृति और फिर निर्माण कार्य शुरू होने में आठ माह का समय लग गया।
इसी साल 8 जनवरी को वायरोलॉजी लैब का निर्माण कार्य शुरू हुआ। तब स्वास्थ्य विभाग ने महाकुंभ मेले से पहले वायरोलॉजी लैब को तैयार करने का दावा किया था। अब महाकुंभ को शुरू हुए एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है। अब तक लैब का निर्माण कार्य चल रहा है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने महाकुंभ क्षेत्र में रोजाना 50 हजार कोविड जांच के निर्देश दिए हैं। महाकुंभ में हरिद्वार जिले में सबसे अधिक श्रद्धालुओं का आवागमन हो रहा है। ऐसे में यहां सबसे अधिक जांच की आवश्यकता है। वहीं समय पर जांच रिपोर्ट मिलना भी बेहद जरूरी है। अभी कोविड आरटीपीसीआर सैंपल जांच के लिए देहरादून, दिल्ली और प्राइवेट लैब में भेजे जा रहे हैं। सैंपल की जांच रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन का समय लग जाता है।

हरिद्वार में औसतन रोजाना चार से पांच हजार आरटीपीसीआर सैंपल एकत्र किए जाते हैं। वहीं 20 हजार के करीब एंटीजन कोविड जांच होती है। दून मेडिकल कालेज की लैब में कोविड जांच के लिए एक हजार सैंपल भेजे जा रहे। वहीं स्वास्थ्य विभाग से अनुबंधित निजी लैब में कोविड सैंपल की जांच करती है। जबकि कुछ सैंपल दिल्ली भी भेजे जाते हैं। पहले एम्स ऋषिकेश में भी जांच के लिए सैंपल भेजे जाते थे। काफी समय से एम्स ऋषिकेश में सैंपल नहीं भेजे जा रहे हैं। अब एक फिर निदेशालय ने स्वास्थ्य विभाग को रोजाना 400 आरटी-पीसीआर सैंपल जांच के लिए एम्स ऋषिकेश भेजने के निर्देश जारी किए हैं।
वायरोलॉजी लैब निमार्ण का कार्य अंतिम चरण में है। संभावना है कि अगले एक सप्ताह तक लैब का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। लैब तैयार होने के साथ कोविड सैंपलों की जांच शुरू हो जाएगी।
– डा. एसके झा, सीएमओ, हरिद्वार
 

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