बांके बिहारी मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के षष्ठ में दिन “”प्रेम जगत में सार””

पवन कालरा (संवाददाता)
बरेली : बांके बिहारी मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के षष्ठ दिवस में वृंदावन धाम से पधारे आचार्य श्याम बिहारी चतुर्वेदी ने कथा सुनाते हुए भक्तों को बताया की गोपियों ने किस तरह से उद्धव को अपने प्रेम का पाठ पढ़ाया, उद्धव जी ज्ञानी तो थे परंतु उनमें प्रेम क्लेश मात्रा नहीं था, जिसके कारण ज्ञानी अधूरी थे, भगवान ने उनको मथुरा से वृंदावन भेजा वृंदावन पहुंचकर के बाबा नंद और यशोदा से भेंट की उद्धव यशोदा से मिलकर की बड़े ही भावुक हो गये, और बहुत सी बाल लीलाएं मैया यशोदा ने उनको सुनायी यह सुनकर के उद्धव जी अत्यंत भाव विभोर हो गए, इसके बाद गोपिया उनसे मिलने के लिए आई और गोपियों ने कहा उद्धव तुम्हें किसने भेजा है, श्याम सुंदर ने तुम्हें हमारे पास भेजा है हमें मनाने के लिए हम मनने वाली नहीं है गोपियों ने कहा की देखो उद्धव एक अक्रूर आया था जो हमारे तन के कृष्ण को लेकर के चला गया है, अब आप उद्धव जी आए हैं तो क्या हमारे मन के अंदर जो कृष्णा है उसको लेने के लिए आए हो, उद्धव ने कहा अपने मन की मालीनता को मिटा दो श्याम सुंदर साक्षात ब्रह्म है वह घट-घट वासी है, इसलिए अपने मन को निर्गुण ब्रह्म में लगाओ, गोपियों ने कहा निर्गुण और सगुण में कोई भेद नहीं है, अगर प्रेम है तो भगवान खंभे से भी प्रकट हो सकते हैं प्रेम है तो भगवान पत्थर से भी भगवान बन सकते हैं, हमारे हृदय के स्वामी सिर्फ भगवान श्याम सुंदर है, सब कुछ हमारा सर्वस्व केवल श्यामसुंदर ही है, उनके अलावा कुछ नहीं है उद्धव जी ने यह बातें सुनकर के विचार किया, गोपिया ज्ञान स्वरूप है, प्रेम सर्वोपरि है, सच कहा है इस प्रेम के द्वारा ही तो प्रह्लाद ने खंभे से भगवान नृसिंह को प्रकट कर लिया था,उद्धव मथुरा गये और भगवान ने उद्धव को प्रेम का सार बताया, हर जगह प्रेम से प्रकट हो जाता हूं ,मुझे जो प्रेम से भजता है, मैं उसकी निकट में ही रहता हूं, इसके बाद कथावाचक ने रुक्मणी और कृष्ण के विवाह का प्रसंग सुनाया इन सबको सुनकर के श्रोता अत्यंत भाव विभोर हो गए , भजन गायक जगदीश भाटिया ने अपना भजन सुनाया, लगन लगी घनश्याम से ,यह भजन सुनकर के श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए हैं, इस मौके पर दूर-दूर से श्रोता आ रहे हैं, पूरा माहौल भक्ति मय था, इस मौके पर भजन गायक जगदीश भाटिया, राघवेंद्र सिंह, रजत, सोनल , विनोद, दीपक भाटिया, गीता, रितु, रामा, बबीता,सुस्मिता, इत्यादि बहुत से श्रोता वहां पर पहुंचकर के कथा से आनंद लिया l