जटिल रोगों में बेहद कारगर है होम्योपैथी : डॉ रजनीश द्विवेदी
- विश्व होम्योपैथिक दिवस पर मनाया डॉ सैमुअल हैनीमैन का जन्मदिन
छिबरामऊ। नगर के संजीवनी होम्योपैथिक क्लीनिक पर होम्योपैथी के जनक डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर डॉ रजनीश द्विवेदी ने कहा लाइलाज रोगों में होम्योपैथी चिकित्सा बेहद कारगर है।
उन्होंने कहा आज होम्योपैथी भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में चिकित्सा की दूसरी प्रमुख पद्धति बन गई है। देश में इसकी शुरुआत 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में कोलकाता से होम्योपैथिक फिजीशियन डॉ महेंद्रलाल सरकार ने की थी। उन्होंने कहा आयुष मंत्रालय की एडवाइजरी के अनुसार होम्योपैथिक दवा आर्सेनिक एल्ब 30 अगर 4 बून्द सुबह-शाम 3 दिन तक ली जाए तो शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है और कोरोना महामारी से बचा जा सकता है। डॉक्टर अनुप्रिया दीक्षित ने कहा लोगों का यह सोचना गलत है कि यह बहुत धीमी और देर से असर करती है। सच तो यह है कि रोग जटिल होने के बाद रोगी आते हैं। चार-पांच साल पुराने रोग को ठीक करने के लिए चार-पांच महीने का समय लगता है जबकि तीन-चार दिन पुराना रोग एक-दो दिन में ठीक हो जाता है। वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर योगराज सिंह चौहान ने कहा होम्योपैथी की मदद से अनावश्यक शल्य क्रिया को टाला जा सकता है। टांसिल, प्रोटेस्ट, गुर्दे की पथरी, हार्निया, ब्रेस्ट ट्यूमर, नाक में मांस बढ़ना आदि बीमारियों का इलाज बिना ऑपरेशन के होम्योपैथी में ही संभव है। डॉक्टर संजीव माथुर ने कहा वर्तमान युग में चर्म रोग चुनौती बन गया है। होम्योपैथी इलाज इसे जड़ मूल से नष्ट कर देता है और रोग दुबारा नहीं होता।
कार्यक्रम में डॉ हैनिमैन की फोटो पर माल्यार्पण के बाद मिष्ठान वितरित किया गया और संजीवनी होम्योपैथिक क्लीनिक पर होम्योपैथिक की दवाई निशुल्क वितरित की गई। इस दौरान डॉ अनिल चौहान, डॉ संजीव माथुर, डॉ महावीर यादव, डॉ नितिन चौरसिया, डॉ आनंद शाक्य, डॉ रघुदीप द्विवेदी, डॉ अभिषेक मिश्रा, डॉ जैनेंद्र यादव, डॉ एनसी सक्सेना, डॉ निखिल, दिनेश प्रताप, गुलशन, शशी, रीना, सुमित, श्याम, जयेश, आदेश व पुनीत आदि मौजूद रहे।