मध्य प्रदेश //रीवा/ पुरानिकपुर्वा शिवमंदिर बौलिया धाम मे हो रहा श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन
अतरैला
ब्यूरो चीफ //राहुल कुशवाहा रीवा मध्य प्रदेश..8889284934
बौलिया धाम शिवमंदिर पुरानिकपुर्वा मे श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ अवशर पर कथा व्यास आचार्य राजकुमार मिश्र श्रीधाम वृन्दावन की अगुवाई मे निकाली गई कलशयात्रा मे कन्याओं एवं धर्मानुरागी भक्त जनो ने भाग लिया। कलशयात्रा पुरानिकपुर्वा जोन्हा होते हुए मां तमसा बरूण देव की विधिविधान के साथ पूजन अर्चन कर मां तमसा का जल कलशों मे भरकर कलश स्थापन श्रीगणेश वेदी व्यासपूजन के साथ संगीत मय श्रीमद्भागवत का भव्य शुभारंभ हुआ।कथा व्यास आचार्य राजकुमार मिश्र ने
श्रीमद्भागवत महात्म्य की अमृतमयी कथा कहते हुए कहा कि साक्षात श्रीकृष्ण स्वरूप पापनाशिनी मोक्षदायिनी श्रीमद्भागवत की कथा सबसे पहले इस धरा मे श्रीशुकदेवजी ने राजा परीक्षित को सुनाई थी कथा के पूण्य स्वरूप राजा परीक्षित को सदेह स्वर्ग की प्राप्ति हुई थी।श्रीमद्भागवत कथा मे 18हजार स्लोक 12स्कन्द भगवान श्रीविष्णु के रामावतार, कृष्णावतार,नरसिंह, बराह,वामन, कपिल अवतार सहित 24 अवतारो की कथा है।इस कलिकाल मे पापनाशिनी मोक्षदायिनी श्रीमद्भागवत भगवान की कथा सुनने सुनाने का अवशर बडे भाग्य से प्राप्त होता है अतः हर धर्मानुरागी भक्त जन श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने की अपील की।व्यास जी ने पापी धुरंधारी की कथा कहते हुए कहा कि धुरंधारी बहुत दुष्टात्मा था वा लोगो को मारपीट लूटपाट करना उसका पेशा था जो अपने लडका का नाम नारायण रखा हुआ था वा जब उसका अंतिम समय आया तो वह मृत्यु स्वरूप कालो को देख कर आसहाय भाव से नारायण नारायण मेरी रक्षा करो जिसकी करूण पुकार सुनकर भगवान के पार्षद आये वा धुरंधारी जैसे पापी को अपने साथ वैकुण्ठधाम को ले गये।अतः ऐसे सचितानंद स्वरूप दयालु भगवान श्रीकृष्ण का भजन करने से मानव जीवन की सार्थकता है।इस कलियुग मे मानव काम क्रोध लोभ मोह अहंकार ईर्ष्या द्वेष मे फसकर आधुनिकता की अंधी दौड़ दौड़ रहा है जो उसके पतन का कारण बन रहा है।अतः हर व्यक्ति ईश्वर आराधना गौ माता पिता साधु संतों दीन दुखियों की सेवा कर जीवन धन्य बनाए। श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का आयोजन समस्त धर्मानुरागी भक्त जनो के सहयोग से किया जा रहा है आयोजको ने ज्यादा से ज्यादा लोगो को श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने कर जीवन धन्य बनाने की अपील की है।