स्वामी वेदांता नंद महांराज जी के जन्म स्थान से उनकी धरोहर बचाने मोगा आया हूँ। देवप्रिय त्यागी
चंडीगढ़ /मोगा: [कैप्टन सुभाष चंद्र शर्मा संपादक पंजाब] :=
स्वामी वेदांता नंद महांराज जी का जन्म “मेरठ” की पावन धरती पर हुआ। समाज सेवी देवप्रिय त्यागी का कहना है कि मेरा यह सौभाग्य उनका जन्म भी मेरठ में हुआ है। मैं भी मूल निवासी मेरठ का ही हूँ। स्वामी जी ने मोगा शहरवासियों की सेवा के लिए अपने जीवन को अर्पण कर दिया। गीता भवन ट्रस्ट, गीता भवन स्कूल और पावन धाम ने मोगा की एक अलग पहचान पूरे विश्व में बनाई है। यह सब हमें स्वामी जी के आशीर्वाद और मेहनत से मिला।
देवप्रिय त्यागी ने कहा कि शायद स्वामी जी के आशीर्वाद से ही उन्हे मोगा की पावन धरती पर सेवा करने का मौका मिला। स्वामी जी को अंदेशा था कि उनके ब्रह्मलीन होने के बाद गीता भवन ट्रस्ट, स्कूल और पावन धाम को कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए कमाई का एक जरिया बना लेंगे और आस्था के इस केंद्र को तबाह करने की कोशिश करेंगे।
देवप्रिय त्यागी ने गीता भवन में आस्था रखने वाले हर श्रद्धालु से वादा करते हुए कहा कि जिस ने भी संत समाज का अपमान किया है एवं गीता भवन में आस्था रखने वालों के दिल को ठेस पहुंचाई है। उनके खिलाफ सख्त कानूनी करवाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि “गीता भवन पावन धाम बचाओ संघर्ष समिति” का एक एक सैनिक आखरी दम तक लड़ता रहेगा। जब तक गीता भवन ट्रस्ट में पारदर्शिता नहीं आती एवं ट्रस्टी अपनी ग़लती सुधार कर सही राह पर नहीं चलते।ये हमारा सौभाग्य है कि स्वामी वेदांता नंद जी की धरोहर को पाखंडियों से बचाने के लिए हमारी टीम ने कदम उठाया।
आज ये “गीता भवन पावन धाम बचाओ संघर्ष समिति” का संघर्ष रंग लाया कि गीता भवन ट्रस्टी जो कि पिछले दिनों स्वामी कमल पुरी जी को हत्यारा बता रहे थे। उन्हें 20 वर्ष की कैद करने की साजिश रच रहे थे, उन्हे संघर्ष समिति के जुनून ने नए सिरे से सोचने विचारने पर विवश कर दिया है। स्वामी कमल पुरी जी को सम्मान देना शुरू कर दिया है।
जो फैसले ट्रस्टियों की 2/3 सहमति के बिना लिए गए हैं उनके खिलाफ भी आर टी आई के जरिए जल्दी खुलासा किया
जाएगा।