जयराम विद्यापीठ में मनाई गई लोहड़ी और मंत्रोच्चारण के साथ हुआ पूजन।
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मंत्रोच्चारण के साथ लोहड़ी की अग्नि प्रज्वलित कर किया गया पूजन।
कुरुक्षेत्र, 13 जनवरी : – देश के विभिन्न राज्यों में संचालित जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के मार्गदर्शन में ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ के परिसर में संचालित श्री जयराम संस्कृत महाविद्यालय के विद्यार्थियों एवं ब्रह्मचारियों द्वारा लोहड़ी का त्यौहार बड़े ही श्रद्धाभाव के साथ मनाया गया। इस मौके पर महाविद्यालय के प्राचार्य प. रणबीर भारद्वाज एवं आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री द्वारा विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ लोहड़ी की अग्नि प्रज्वलित कर पूजन किया गया। इस मौके पर सर्व कल्याण की भावना से पूजन करते हुए कोरोना से पूर्ण मुक्ति की कामना की गई। आचार्य लेखवार ने बताया कि संस्कृत विद्यार्थियों एवं ब्रह्मचारियों को भारतीय परम्पराओं, संस्कृति, संस्कारों एवं त्यौहारों के बारे में भी पढ़ाई के साथ अवगत करवाया जाता है। उन्होंने लोहड़ी के त्यौहार के बारे में बताया कि यह त्यौहार मकर संक्रांति के एक दिन पहले आता है। उत्तर भारत में विशेषकर पंजाब और हरियाणा के लोग इसे बहुत धूम-धाम से मनाते हैं। आचार्य लेखवार ने बताया कि लोहड़ी के दिन अग्नि में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली चढ़ाने का रिवाज होता है। वास्तव में लोहड़ी का त्यौहार किसानों का नया साल भी माना जाता है। लोहड़ी को सर्दियों के जाने और बसंत के आने का संकेत भी माना जाता है। आचार्य लेखवार ने बताया कि लोहड़ी का त्यौहार फसल की कटाई और बुआई के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन लोग आग जलाकर इसके इर्द-गिर्द नाचते-गाते और खुशियां मनाते हैं। अग्नि में गुड़, तिल, रेवड़ी, गजक डालने और इसके बाद इसे एक-दूसरे में बांटने की परंपरा है। इस दिन तिल के लड्डू भी बांटे जाते हैं। उन्होंने बताया कि लोहड़ी के दिन रबी की फसल को आग में समर्पित कर सूर्य देव और अग्नि का आभार प्रकट किया जाता है। आज के दिन किसान फसल की उन्नति की कामना करते हैं। इस अवसर पर श्रवण गुप्ता, राजेंद्र सिंघल, सुरेंद्र गुप्ता, टेक सिंह लौहार माजरा, राजेश सिंगला, एस एन गुप्ता, सतबीर कौशिक, कर्मचारी रोहित, विनोद कुमार व यशपाल राणा इत्यादि भी मौजूद थे।
जयराम विद्यापीठ में ब्रह्मचारी एवं विद्यार्थी लोहड़ी मनाते हुए।