आश्विन मास में रक्तदान से शरीर को मिलती है नई ऊर्जा : प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह तोमर

श्री कृष्ण आयुष विवि में रक्तदान शिविर में कुलसचिव व प्राचार्य समेत 35 ने किया महादान।
कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 24 सितंबर : श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान के मार्गदर्शन में बुधवार को एनएसएस यूनिट द्वारा आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान एवं अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि “आश्विन मास में रक्तदान केवल एक सामाजिक सेवा नहीं, बल्कि शरीर के लिए प्राकृतिक डिटॉक्स का कार्य करता है। इस समय रक्तदान से शरीर नई ऊर्जा प्राप्त करता है और रक्त बनने की प्रक्रिया अधिक सक्रिय होती है। यह न केवल किसी जरूरतमंद की जान बचाने का अवसर है, बल्कि अपने स्वयं के स्वास्थ्य को भी मजबूत करने का श्रेष्ठ तरीका है।
कुलसचिव प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह तोमर और प्राचार्य प्रो. आशीष मेहता ने स्वयं रक्तदान कर विद्यार्थियों को संदेश दिया कि वे अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान करें और इस पुण्य कार्य से स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान दें। प्रो.मेहता ने बताया कि रक्तदान से हृदय और रक्त संचार तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और दाता को मानसिक संतोष एवं ऊर्जा का अनुभव होता है, जो आश्विन मास के आध्यात्मिक महत्व को और प्रबल बनाता है। रक्तदान शिविर में 35 से अधिक लोगों ने रक्तदान किया। इस मौके पर विशेष रूप से विश्वविद्यालय की छात्रा अंशिका और निधि ने भी रक्तदान किया।
चिकित्सा अधीक्षक प्रो. राजा सिंगला ने बताया कि आयुर्वेद और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, आश्विन मास शरीर और मन की शुद्धि का विशेष समय माना जाता है। इस दौरान रक्त शुद्धिकरण की प्रक्रिया तेज होती है और शरीर से अशुद्धियां निकलती हैं। एनएसएस नोडल अधिकारी प्रो. पी.सी. मंगल ने कहा कि आश्विन मास में रक्तदान से नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण बढ़ता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
रक्तदान शिविर के सफल आयोजन में विशाल चतुर्वेदी, अमित वर्मा, अंबिका शर्मा और निधि ने विशेष सहयोग दिया। इस अवसर पर डॉ. सुरेंद्र सिंह सहरावत, डॉ. कुलजीत कौर, डॉ. रिया शर्मा, डॉ. चक्रपाणी समेत अन्य शिक्षक और स्टाफ भी उपस्थित रहे।