जिला मंडलीय अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ग्लूकोज की बोतल चुहो ने कुतर कर बनाया कबाड

आजमगढ़।मंडलीय जिला चिकित्सालय का विडियो हुआ वायरल
जहां मरीजों को दी जाने वाली जीवन रक्षक
ग्लूकोज की बोतलों को चूहों ने कुतर डाला है।
कुतरे गए ग्लूकोज की बोतलों को बोरे में भरकर
कबाड़ी के ठेले के पास रखा गया है। आश्चर्य कर देने वाली बात यह है जिस रूम में यह ग्लूकोज की बोतले रखी गई है। वहां का नजारा देखकर आप दंग रह जाएंगे।
ग्लूकोज की बोतलों को कूड़े के ढेर की तरह रखा गया है
ऐसा प्रतीत होता है कि यह मरीजो के जीवन को बचाने
के लिए नहीं उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करने के लिए
बेकदरी और कूड़े करकट की तरह रखा गया है।
जिस तरह से कमरे में ग्लूकोज की बोतलों को रखा गया है। देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह
मरीज को कितना फायदा करेगी और कितना नुकसान। ग्लूकोज की बोतले इलाज के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पूर्व में भी मरीजो को दी
जाने वाली जीवन रक्षक दवाइयां जो एक्सपायर भी नहीं हुई थी पोस्टमार्टम हाउस के पीछे कूड़े में फेंकी गई थी। अखबारों में खबरें प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच टीम गठित कर अपनी जिम्मेदारी
निभाई थी। उसके बाद मामला ठंढे बस्ते में चला गया। अभी कुछ मांह पूर्व एक व्यक्ति को जिलाअस्पताल की सरकारी दवाइयां के साथ पुलिस ने
पकड़ा था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उस व्यक्ति पर कार्रवाई की बात यह भी आ सकती है कि वह ग्लूकोज की बोतले एक्सपायरी रही होगी।
अगर एक्सपायरी रही होगी तो इतनी बड़ी मात्रा में किस
कारण से वह ग्लूकोज की बोतले एक्सपायर हुई।
अगर एक्सपायरी नहीं हुई है तो इतनी बड़ी घोर
लापरवाही कैसे हुई किन कारणों वह ग्लूकोज की
बोतले मरीजो तक क्यों नहीं पहुंच पाई। क्यों इतनी बड़ी मात्रा में ग्लूकोज की बोतलों को एक कमरे में कबाड़ की तरह रखी गई जिन्हें चूहे कुतर रहे हैं और बेकद्री के साथ रखी गई है। अब तो यह जांच का
विषय है। आखिर जिम्मेदारान कब तक चुप्पी साधे रहेंगे क्या इन जीवन रक्षक दवाइयां का कोई मोल नहीं जो आती है मरीजों के लिए पर कूड़े में पाई जाती हैं बेचते हुए पकड़ी जाती हैं दवाइयां को इस तरह से रखा जाता है जैसे इनका कोई मूल ही नहीं कूड़े करकट के समान जिन्हें चूहे कुतर रहे हैं। जहां सरकार मरीजों को निशुल्क बेहतर उपचार के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। वही इतनी बड़ी घोर लापरवाही कैसे हो रही है। जिम्मेदारों से पूछा गया सवाल तो जिम्मेदार नही नहीं दे पाये जबाब




