विश्व पुस्तक दिवस एवं पृथ्वी दिवस पर ऑनलाइन वर्कशॉप का आयोजन।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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इंग्लैंड के किले विश्वविद्यालय के भू वैज्ञानिक प्रोफेसर क्रिस किंग ने रखे विचार।
कुरुक्षेत्र, 23 अप्रैल :- सोसाइटी फ़ॉर प्रोमोशन ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन इंडिया कुरुक्षेत्र एवं नेशनल अकैडमी ऑफ साइंसेज इंडिया की चण्डीगढ़ श्रृंखला के संयुक्त तत्वाधान में तथा हरियाणा राज्य विज्ञान, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी परिषद हरियाणा सरकार के सौजन्य से विश्व पुस्तक दिवस व पृथ्वी दिवस पर ऑनलाइन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में मुख्य वक्ता के तौर पर इंग्लैंड के किले विश्विद्यालय के भूमि वैज्ञानिक प्रोफेसर क्रिस किंग आमंत्रित थे। प्रो. क्रिस किंग ने कहा कि स्कूली बच्चों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे जिस पृथ्वी पर रहते हैं, उसे समझें कि यह दिन-प्रतिदिन क्यों बदलती है और भविष्य में कैसे बदल सकती है। यह पृथ्वी विज्ञान का क्षेत्र है। जहां हम ग्रह के कामकाज को सिखाते हैं। हम भूत कालीन परिवर्तनों की खोज के लिए भूवैज्ञानिक अतीत से सबूत का उपयोग कैसे करते हैं। हम एक गर्म ग्रह पर भविष्य के परिवर्तनों की भविष्यवाणी करने और अपने आप को तैयार करने के लिए इस सभी जानकारी का उपयोग कैसे कर सकते हैं। प्रो. क्रिस किंग ने कहा कि इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि हमारे विद्यार्थियों को यह कैसे सिखाया जाए कि कैसे सोचें। वे सबसे अच्छे विचारक हैं, जो एक साथ ग्रह पर हमारे भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण योगदान देंगे। इस वार्ता ने वैज्ञानिक शिक्षा के माध्यम से संज्ञानात्मक त्वरण के शैक्षिक सिद्धांतों पर प्रकाश डाला और फिर दिखाया कि कैसे पृथ्वी से संबंधित विज्ञान की गतिविधियां हमारे ग्रह के प्रमुख पाठों को पढ़ाते हुए अधिक प्रभावी सोच कौशल विकसित कर सकती हैं। इस कार्यशाला को प्रो. आर. बासकर, प्रो. अरुण ग्रोवर, प्रो. केया धर्मवीर द्वारा समन्वित किया गया। जिसमें देशभर से स्कूल एवं कॉलेज के विद्यार्थियों तथा शिक्षकों ने भाग लिया।
ऑनलाइन वर्कशॉप में भाग लेते हुए वैज्ञानिक एवं शिक्षक।