श्रीमद् भागवत कथा जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है–आचार्य रमाकान्त दीक्षित

श्रीमद् भागवत कथा जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है–आचार्य रमाकान्त दीक्षित
दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से मनुष्य जीवन सार्थक बनता है। जन्म तो हर प्राणी एवं मनुष्य लेता है लेकिन उसे अपने जीवन का अर्थ बोध नहीं होता है। बाल्यावस्था से लेकर मृत्यु तक वह सांसारिक गतिविधियों में ही लिप्त होकर इस अमूल्य जीवन को नश्वर बना देता है। श्रीमद् भागवत ऐसी कथा है जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। यह विचार कृष्णा नगर कालौनी, दुर्गानगर में चल रही श्रीमद भागवत महापुराण कथा के चौथे दिन मंगलवार को कथा व्यास आचार्य रमाकान्त दीक्षित ने श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।
आचार्य रमाकांत दीक्षित ने श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जहां भी भागवत होती है इसे सुनने मात्र से वहां का सम्पूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है। आचार्य रमाकांत दीक्षित ने कहा कि श्रीकृष्ण का जन्म मनुष्य जीवन के उद्धार के लिए हुआ है। कंस ने उनके जन्म लेने को रोकने के लिए अथक प्रयास किए लेकिन सफल नहीं हो पाया। अंत में अपने पापों का घड़ा भरने पर श्रीकृष्ण के हाथों मरकर मोक्ष की प्राप्ति की। कथा व्यास ने बताया कि मनुष्य जीवन सबसे उत्तम माना जाता है। इसी योनी में भगवान भी जन्म लेना चाहते हैं। जिससे वे अपने आराध्य ईश्वर की भक्ति कर सके। श्रीकृष्ण ने भागवत गीता के माध्यम से बुराई व सदाचार के बीच अंतर बताया। ईश्वर को धन दौलत व यज्ञों से कोई सरोकार नहीं है। वह तो केवल स्वच्छ मन से की गई आराधना के अधीन होता है। ईश्वर जात. पात व धर्म नहीं जानते। वह तो भक्ति, प्रेम को जानते हैं, समय-समय पर भगवान को भी अपने भक्त की भक्ति के आगे झुककर सहायता के लिए आना पड़ा है। चारों युगों के बारे में भी श्रद्धालुओं को बताया। मित्रता, सदाचार, गुण, अवगुण, द्वेष समी प्रकार के भावों का वर्णन करते हुए कहा कि जब तक हम किसी चीज के महत्व को नहीं जानते तब तक उसके प्रति मन में श्रद्धा नहीं जगती। कहा कि जब तक भक्तों का मन पवित्र नहीं होगा तब तक भागवत कथा श्रवण का लाभ नहीं मिल सकता।
हरि आ जाओ हरी आ जाओ लाला जन्म सुनि आई आज तो बधाई बाजे हो गई बहुत महंगाई मइया रानी दे दो बधाई जीवन तो भइया एक रेल है सुना है हमने लाखो को तारा आदि संगीतमय भजनों पर भक्तों ने नृत्य भी किया।
मीडिया प्रभारी एड्वोकेट हर्ष कुमार अग्रवाल ने बताया कि इससे पूर्व सुबह के सत्र में 8 बजे से 1 बजे तक नव कुण्डीय सहस्त्र चंडी महायज्ञ में साधकों ने याज्ञाचार्य नीलेश मिश्रा के सानिध्य में राष्ट्र व समाज के मंगल की कामना करते हुए आहुतियां दी। इस दौरान बनारस, हरिद्वार, वृंदावन, मध्य प्रदेश, आदि स्थानों से पधारे 51 ब्राहाम्ण, डांडी स्वामी, संत महात्मा आदि मौजूद रहे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि बिथरी विधायक डॉ राघवेन्द्र शर्मा, आचार्य सत्येंद्र मोहन शास्त्री भाजपा महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना, डॉ विमल भारद्वाज, अजय राज शर्मा, मीडिया प्रभारी एडवोकेट हर्ष कुमार अग्रवाल, रजत शर्मा, इन्द्रदेव त्रिवेदी, डॉ सचिन अग्रवाल, डॉ रूचिन अग्रवाल, रामकृष्ण शुक्ला, मुकुल मिश्रा, राजीव कश्यप, सभासद गरिमा कमांडो, करूणा निधि गुप्ता, राकेश शर्मा, कथा यजमान दीपेश अग्रवाल, अरविन्द अग्रवाल, यश अग्रवाल, अनूप अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, विष्णु शुक्ला, देव दीक्षित, अनुराग अवस्थी प्रवीण अग्रवाल, विवेक मित्तल, छाया दीक्षित आदि उपस्थित रहे।




