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एसवीएसयू के मॉडल पर बनेगी बिहार में स्किल यूनिवर्सिटी

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

बिहार के प्रतिनिधिमंडल ने किया एसवीएसयू का अवलोकन,बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन के अधिकारी रहे शामिल।

पलवल : बिहार सरकार श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के मॉडल पर कौशल विश्वविद्यालय स्थापित करेगी। बुधवार को बिहार सरकार के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद के नेतृत्व में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के दुधौला परिसर का भ्रमण किया और कौशल आधारित दोहरी शिक्षा प्रणाली के इस मॉडल का अवलोकन किया।

यहां पहुंचने पर कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार एवं कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने प्रतिनिधिमंडल का भव्य स्वागत किया और उन्हें इस मॉडल के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने बिहार से आए प्रतिनिधिमंडल को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस का दौरा करवाया और उन्हें यहां स्थापित विश्व स्तरीय आधुनिक तकनीक पर आधारित लैब दिखाई। उनके साथ ऑन द जॉब ट्रेनिंग और पढ़ाई के साथ-साथ कमाई के मॉडल पर भी चर्चा की। बिहार के प्रतिनिधिमंडल ने डाइकिन इंडिया और ऊषा सिलाई मशीन की ओर से स्थापित किए जा रहे सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस भी देखे। विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए रोबोटिक्स, ऑटोमेशन, ड्रोन, ईवी और वेल्डिंग आधारित प्रोजेक्ट देख कर बिहार से आए अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने जम कर सराहना की। उन्होंने लैब में काम कर रहे विद्यार्थियों से संवाद भी किया और सीखने की प्रक्रिया के बारे में जानकारियां हासिल की। इस प्रतिनिधिमंडल में श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद के अतिरिक्त बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन के निदेशक गीतेश गुंजन और सीनियर कंसल्टेंट नीरज कुमार झा भी शामिल थे। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के इंडस्ट्री के साथ समन्वय से लेकर भविष्य की योजनाओं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप केजी टू पीजी मॉडल पर चर्चा की।
अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर विक्रम सिंह ने स्किल यूनिवर्सिटी का पूरा मॉडल विस्तार से उनके सम्मुख प्रस्तुत किया। उन्होंने विजन-मिशन से लेकर क्लास रूम और इंडस्ट्री के समन्वय के बारे में बताया। प्रोफेसर विक्रम सिंह ने बिहार से आए अधिकारियों को विश्वविद्यालय की अवधारणा एवं स्थापना से लेकर समस्त जानकारियां प्रदान की। उन्होंने बताया कि इस मॉडल में विद्यार्थी 40 प्रतिशत थ्योरी कलस रूम में पढ़ते हैं और 60 फीसदी इंडस्ट्री में जाकर सीखते हैं और इस दौरान उन्हें स्कॉलरशिप भी मिलती है। बिहार के श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद ने इस मॉडल की विशेषताओं की सराहना की और बिहार में स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना में इसे महत्वपूर्ण बताया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा में अतिथियों का आभार ज्ञापित किया।
इस अवसर पर डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, प्रोफेसर कुलवंत सिंह, प्रोफेसर सुनील गर्ग, प्रोफेसर सुरेश कुमार, प्रोफेसर डीवी पाठक, संयुक्त निदेशक शिखा गुप्ता, उप कुलसचिव डॉ. ललित शर्मा, डॉ. विकास भदौरिया, अमिष अमेय, डॉ. सविता शर्मा, डॉ. श्रुति गुप्ता, डॉ. संजय राठौड़, डॉ. मनी कंवर, डॉ. रविंद्र कुमार, डॉ. दलीप रैना, डॉ. नकुल, ओएसडी संजीव तायल, एसडीओ नरेश संधू और नीरज पराशर सहित कई अन्य शिक्षक एवं अधिकारी भी उपस्थित थे।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस का अवलोकन करते बिहार प्रतिनिधिमंडल के सदस्य एवं साथ में कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार।

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