सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बरेली दौरे में खूब हुआ हंगामा

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बरेली आगमन पर गुरुवार को ऐसा नजारा देखने को मिला, मानो कोई शादी समारोह नहीं बल्कि राजनीतिक जंग का मैदान हो बन गया हो।
अखिलेश यादव बहेड़ी से विधायक अताउर रहमान की बेटी की शादी में शामिल होने पहुंचे थे, लेकिन उनके सुरक्षाकर्मियों ने होटल में आए कार्यकर्ताओं, स्थानीय नेताओं और पत्रकारों के साथ जो व्यवहार किया, उसने सबको चौंका दिया।
जानकारी के मुताबिक, अखिलेश यादव माय फेयर शादी हॉल पहुंचे तो वहां पहले से ही सैकड़ों सपा कार्यकर्ता और नेता मौजूद थे। सभी अपने नेता से मिलने को उतावले थे। जैसे ही अखिलेश होटल पहुंचे, भीड़ अचानक बढ़ गई।
शाजिल इस्लाम के परसा खेड़ा निवास पर सुरक्षाकर्मियों ने हालात संभालने के बजाय आपा खो दिया और कार्यकर्ताओं व पत्रकारों को धक्का देकर बाहर निकालना शुरू कर दिया।
वही सुल्तान बेग की भतीजी की शादी मे पहुंचे अखिलेश यादव के पहुंचने के दौरान, कई लोगों को इतनी जोर से धक्का मारा गया कि कुछ फव्वारे के पानी में जा गिरे, जबकि कुछ जमीन पर गिर पड़े। मौके पर अफरातफरी मच गई। सुरक्षा कर्मियों ने पत्रकारों को भी पीछे हटाने के दौरान रूखा व्यवहार किया और कवरीज करने से रोका गया साइड मे धक्का मारते रहे। कई मीडिया कर्मी नाराज होकर वहां से लौट गए।
अखिलेश से मिलने पहुंचे कई पार्षद और स्थानीय नेता होटल के बाहर ही खड़े रह गए। अंदर जाने वालों में से कुछ ने सुरक्षा कर्मियों को लिफाफे थमाकर किसी तरह एंट्री पाने की कोशिश की। लेकिन भीतर की भीड़ और अफरातफरी देखकर कई वरिष्ठ कार्यकर्ता खिन्न नजर आए।
सबसे दिलचस्प बात यह रही कि भोजीपुरा विधायक शाजिल इस्लाम के परसा खेड़ा निवास पर भी यही स्थिति देखने को मिली। वहां भी धक्का-मुक्की, धक्का-धक्का और शोरगुल का माहौल बना रहा। कुछ कार्यकर्ता तो नाराज होकर बोले
“अपने ही नेता से मिलने के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं, संगठन व्यवस्था पूरी तरह फेल है।”
पूर्व विधायक सुल्तान बेग की भतीजी की शादी में भी सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त नजर आई। यहां भी सुरक्षाकर्मियों और कार्यकर्ताओं में तीखी नोकझोंक हुई। कई लोग बिना अखिलेश से मिले ही लौट गए।
कार्यकर्ताओं का गुस्सा इस बात पर और बढ़ गया कि पार्टी संगठन के जिम्मेदार नेता मौज़ूद होने के बावजूद भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाए। लोगों ने सवाल उठाया कि जब अपने ही कार्यकर्ता और मीडिया को इस तरह अपमानित किया जा रहा है, तो आम जनता से पार्टी कैसा व्यवहार करेगी?
अखिलेश यादव का यह दौरा भले ही निजी कार्यक्रम के लिए था, लेकिन जिस तरह सुरक्षा कर्मियों ने कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की और बदसलूकी की, उसने संगठन की अंदरूनी खामियों को उजागर कर दिया।
बरेली में अखिलेश यादव की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोग सिर्फ एक झलक पाने को घंटों खड़े रहे, मगर सुरक्षाकर्मियों की सख्ती ने इस उत्साह को हंगामे में बदल दिया।
अब सवाल उठता है कि समाजवादी पार्टी में आखिर इतनी अव्यवस्था और अराजकता क्यों? क्या अपने ही कार्यकर्ताओं और पत्रकारों का इस तरह अपमान करना पार्टी की छवि के लिए ठीक है?
बरेली में अखिलेश यादव के इस “धक्का-दर्शन कार्यक्रम” की चर्चा अब पूरे शहर में जोरों पर है।
भीड़ से निराश होकर एक सपा कार्यकर्ता ने कहा
“नेता जी से मिलना इतना मुश्किल तो सीएम से मिलने में भी नहीं होता!”



