वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी : प्रो. सोमनाथ।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के नॉन टीचिंग क्लब में वैक्सीनेशन कैम्प का आयोजन।
कुरुक्षेत्र, 28 अप्रैल :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार द्वारा कोविड वैक्सीनेशन अभियान को और तेज कर दिया गया है। हाथ धोना, मास्क पहनना व दो गज की दूरी के साथ-साथ कोविड वैक्सीनेशन भी कोरोना के बढ़ते केसों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। वे बुधवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के नॉन टीचिंग क्लब में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एवं स्वदेशी जागरण मंच, कुरुक्षेत्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कोविड-19 टीकाकरण अभियान में बोल रहे थे।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि हमें स्वयं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ दूसरां के स्वास्थ्य की सुरक्षा का ध्यान भी रखना है क्योंकि यह वैश्विक महामारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के सम्पर्क में आने से फैलती है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी का असर समूचे विश्व पर पड़ा है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है जिसके कारण हर व्यक्ति को किसी न किसी रूप में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पूरे भारतवर्ष में टीका करण करने का आह्वान किया जा रहा है जिसके तहत् ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना वैश्विक महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण किया जा रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा भी यह अभियान तीव्र गति के साथ हरियाणा राज्य में चलाया जा रहा है।
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए जीवन रक्षा एवं बढ़ती महामारी को रोकने के लिए टीकाकरण बहुत ही जरूरी है। इसलिये हर व्यक्ति को स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमानुसार टीका अवश्य लगवाना चाहिए। यह वैक्सीनेशन समय के साथ बड़ा फायदेमंद है। इसका अधिक से अधिक फायदा उठाना चाहिए। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय समाजहित मे ऐसे आयोजन समय-समय पर करता है। यह भी इसी कड़ी का हिस्सा है।
इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, प्रो. डीएस राणा, प्रो. आरके देसवाल, डॉ. चांद राम जिलोवा, डॉ. जय किशन भारद्वाज, डॉ. सुनील ढुल, डॉ. मधुदीप सिंह, डॉ. अजय जांगडा, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. कृष्ण जाटियान, डॉ. जितेन्द्र जांगडा, कुंटिया प्रधान नीलकंठ, नरेन्द्र कुमार आदि मौजूद थे।