ब्लॉक प्रमुख चुनाव में मठाधीशोकी हिल गई चूल्हे
अमानीगंज*
ब्यूरो रिपोर्ट अयोध्या
ब्लॉक प्रमुख चुनाव में अमानीगंज विकासखंड में तस्वीर बदली हुई दिखाई पड़ रही है अब तक अपना ब्लाक प्रमुख बनाने वाले मठाधीश इस चुनाव में परेशान नजर आ रहे हैं सत्ता के गलियारों में अमानीगंज क्षेत्र पंचायत प्रमुख का चुनाव बहुत ही रोचक मुकाबले में पहुंच गया है आपको बताते चलें कि विगत 5चुनावो से अपना ब्लाक प्रमुख बनाते आए रुदौली विधायक रामचंद्र यादव इस बार जिला पंचायत और ग्राम पंचायत में हुए चुनाव में हार के कारण जहां चंद दिन शांत रहे वही बडी मात्रा में क्षेत्र पंचायत सदस्यों का प्रमाण पत्र विरोधी खेमे के पास जमा हो चुका है सूत्रों का कहना है कि विधायक मिल्कीपुर और विधायक रुदौली पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि पवन कुमार सिंह के प्रत्याशी को जिताने के लिए आज से जी जान से लग गए हैं जबकि संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार गडौ़ली निवासी पूर्व ब्लाक प्रमुख शेर बहादुर सिंह के नाती व पूर्व प्रधान कृष्ण पाल सिंह के जेष्ठ पुत्र राहुल सिंह का हौसला काफी बुलंद दिखाई पड़ रहा है जिला पंचायत अमानीगंज तृतीय से अपने प्रत्याशी को बड़े बहुमत से विजई बनाने के बाद उनका हौसला बढ़ना स्वाभाविक भी है अमानीगंज विकासखंड में जैसा कि पिछले चुनाव में राम प्रताप यादव निर्विरोध ब्लाक प्रमुख चुने गए थे उसको देखते हुए यह चुनाव काफी महंगा दिखाई पड़ रहा है यहां पर क्षेत्र पंचायत सदस्यों का रेट एक लाख से लेकर डेढ़ लाख के बीच पहुंच गया हैं सत्ताधारी और मठाधीश के लिए यही सबसे बड़ी चिंता का विषय है ब्लाक प्रमुख के दावेदार रहे राम प्रताप यादव सियाराम यादव व गुरुदीन रावत क्या गुल खिलाते हैं यह भी मठाधीश के लिए चिंता का सबब बना हुआ है आपको बताते चलें कि परास्नातक शिक्षित अजीत सिंह उर्फ राहुल अयांश कंस्ट्रक्शन कंपनी लखनऊ के डायरेक्टर है और उनकी राजनीति उनके परिवारिक पृष्ठभूमि से जुड़ी रही है अर्थात विरासत में मिली हुई है शेर बहादुर सिंह 80 के दशक में अमानीगंज से ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं मई में होने वाले चुनाव को लेकर जिस तरह से गहमागहमी पूरे क्षेत्र में दिखाई पड़ रही है उसके अनुसार चुनाव में मठाधीश ओं का जलवा बिखर भी सकता है यदि चुनाव प्रबंधन और लोगों को जोड़ने में सत्ता पक्ष विफल रहा तो अमानीगंज की ब्लॉक प्रमुख पद से हाथ धोना पडता दिखाई पड़ रहा है विधायक दो और उनके खासम खास लोग जी जान से इस चुनाव को जीतने के लिए लगे हुए हैं जबकि संयुक्त विपक्ष राहुल सिंह के साथ खड़ा दिखाई पड़ रहा है अन्य उम्मीदवार केवल अपनी दावेदारी तक सीमित हैं और उनके पास आधा दर्जन के लगभग क्षेत्र पंचायत सदस्यों का समर्थन ही दिखाई पड़ रहा है