फोटो । वन क्षेत्र छोड़कर शहर में पहुंचे बंदर।
धार्मिक स्थलों को बंद होने से बंदरों को नहीं मिल रहा है भोजन
डेहरी संवाददाता। कोरोना वायरस की महामारी घोषित लाक डाउन के कारण आम जीवन खतरा में पड़ गया वहीं पशु पक्षियों के जीवन पर संकट उत्पन्न हो गया है। लोग लाक डाउन के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं और जिले के सभी धार्मिक पर्यटक स्थलों पर ताला लग गया है। धार्मिक व सांस्कृतिक किसी प्रकार का कोई आयोजन नहीं किया जा रहा है। जिले के तुतला भवानी धाम, तिलेश्वर नाथ धाम गोडैला, गुप्तेश्वर नाथ धाम, मां ताराचंडी धाम का पट बंद कर दिया गया है और भक्तों का आना जाना बंद हो गया है। मंदिरों में पूजा-पाठ भी बंद हो गया है। देवी स्थानों पर प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते थे और प्रसाद चढ़ाते थे। भक्तों एवं श्रद्धालुओं के द्वारा मंदिरों के आसपास रहने वाले जीवो को भी भोजन कराया जाता था। जिससे बन्दरो और पक्षियों का पेट भरता था। भूख से बन्दरो , पक्षियों के प्राण पखेरू उड़ रहे हैं। गर्मी के कारण सभी ताल तलैया आहार पोखर सुख गये है। जीवों को पीने के लिए पानी तक नहीं मिल रहा है। भूख और प्यास से तड़प रहे हैं। गांव और शहर की ओर पलायन कर रहे हैं। शहर में बंदरों का झुंड प्रवेश कर गया है और बंदर घर में उत्पात मचाते चल रहे हैं। मकानों की छत पर रखे सामानों को तहस-नहस कर दे रहे हैं। मकानों की छत पर सुखाने के लिए रखे गए वस्त्रों को चिथडे कर दे रहे है। घर में प्रवेश कर खाने पीने की वस्तुओं को भी बिखेर दे रहे हैं । शहर के दुकानों एवं होटलों को बन्द होने के कारण आवारा पशुओं को भी कुछ खाने को नहीं मिल रहा है। भोजन पानी की तलाश में शहर में घुमक्कड़ बनकर घूम रहे हैं और उनके जीवन पर संकट के बादल छाते जा रहे हैं।