रोहिणी नक्षत्र में धान के बिचड़े की होगी बुनाई
सोन नहरों से 8 जिलों के 9 लाख हेक्टेयर भूमि की होती है सिंचाई
डेहरी (अजय कुमार) । धान के बिचडो की बुनाई के लिए उपयुक्त समय रोहिणी नक्षत्र 25 मई से शुरू रहा है। वही कृषि कार्य के लिए सोन नहरों में 25 मई से पानी छोड़ दिया जाएगा । जिसके तहत विभाग के द्वारा तैयारी पुरी कर ली गई है। जल संसाधन विभाग किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का दृढसंकल्पित है जिससे कृषि उत्पादकता को बढ़ाया जा सके। देश में कोरोना वायरस की महामारी एवं लाक डाउन का प्रभाव सभी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। लाक डाउन के कारण उद्योग धंधे और व्यापार चौपट हो गए हैं। सरकार का मुख्य लक्ष्य कृषि आधारित हो गया है। सरकार ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके तहत किसानों को बीज उर्वरक पानी अनावश्यक कृषि संयंत्र उपलब्ध कराई जाती है। किसानों के द्वारा भी रोहिणी नक्षत्र चढ़ने के साथ धान के बिचड़े के बुनाई करने के लिए कार्य शुरू कर दिया जाएगा है । नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुंचने में 4 से 5 दिन का समय लगेगा। पानी पहुंचने के बाद किसान अपने विचारों की बुराई का कार कर सकेंगे।
आठ जिले होती है सिंचाई
सोन नाहर द्वारा बिहार के 8 जिले में कुल नौ लाख हेक्टर भूमि की सिंचाई कार्य किया जाता है। इन जिलों की कृषि नहरों से मिलने वाली पानी पर ही निर्भर है । इंद्रपुरी सोनबराज से निकलने वाली पूर्वी संयोजक नाहर से औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, पटना जिले में सिंचाई कार्य किया जाता है । वही पश्चिमी संजू जाखड़ से रोहतास कैमूर भोजपुर बक्सर जिले में सिंचाई कार्य किया जाता है रोहिणी नक्षत्र चढ़ने के साथी किसानों की निगाहें इंद्रपुरी बराज की ओर टिकी हुई है। बराज द्वारा नहरों में पानी छोड़ा जाए जिससे किसान अपने बिचडो की बुनाई का कार्य शुरू कर सकें।
पानी के लिए तैयार है सोन नहर
सोने नहरों से रोहतास कैमूर बक्सर भोजपुर जिले के 80% खेतों की सिंचाई की जाती है। जिसके लिए इंद्रपुरी सोम बराज के द्वारा नहरों के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का कार्य किया जाता है। 25 मई से रोहिणी नक्षत्र चढ़ने के साथ ही धान की फसल के बिछड़े की बुनाई एवं कृषि कार्य शुरू होने वाले हैं। सिंचाई के लिए सोन नहरों मे पानी छोड़ा जाएगा। नहरों में पानी छोड़े जाने से पूर्व तटबंध की मरम्ती का कार्य विभाग के द्वारा कराया जाता है।
कहते हैं अधिकारी
जल संसाधन विभाग इन्द्रपुरी डिवीजन के कार्यपालक अभियंता रविंद्र कुमार ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में धान के बिचड़े की बुनाई के लिए 25 मई से पानी छोड़ा जाएगा तथा नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुंचाया जाएगा।