पहाड़ी गांव में गहराया जल संकट टैंकरों से पहुंचाया जा रहा है पानी
पहाड़ी गांव में लगाए गए जल मीनारों की स्थिति
दारानगर -50000 गैलन
नोहटा – 40000 गैलन
तिऊरा -10000 गैलन
तिऊरा खुर्द-10000 गैलन
डेहरी ऑन सोन (अजय कुमार)। गर्मी का मौसम जैसे-जैसे अपना तेवर बदलते जा रहा है और गर्मी प्रचंड होते जा रही है। वैसे वैसे अनुमंडल के पहाड़ी क्षेत्रों में पेयजल के संकट गंभीर होते जा रही है। गर्मी के कारण ताल तलैया आहार पोखर झील झरने सभी सुख गये हैं और पशुओं को पीने तक के लिए पानी नहीं मिल रहा है। प्रचंड गर्मी के कारण पहाड़ी गांव में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के द्वारा पेयजल के लिए लगाई गई सभी योजनाएं दम तोड़ रही है। गांव में 4000 से अधिक चापाकल को लगाया गया है। परंतु अधिकांश चंपाकली खराब पड़े हैं तथा पानी देना बंद कर दिए हैं। पहाड़ी गांव के लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे है। इके दुक्के चापाकल हे पानी दे रहे हैं। खाना पकाने के लिए महिलाओं को तसला भर पानी के लिए मीलों पैदल चलना पड़ रहा है। जिसके उपरांत और पानी लेकर अपने घर पहुंच रही हैं आप खाना पका रही हैं। झील झरना आहार पोखर सूख जाने के कारण पशु पक्षियों के जीवन पर संकट उत्पन्न हो गया है। पक्षी पानी की तलाश मे सोन नदी के तटीय क्षेत्र मे पलायन कर पहुँच रहे हैं। पानी को लेकर पशुपालकों की चिंता भी बढ़ गई है । पशुपालक भी अपनी पशुओं को सुदूर गांव में ले जाकर पानी पिला रहे हैं। राहगीरों को सार्वजनिक चापाकल से गला तर करने के लिए पानी नहीं मिल रहा है।
खराब चापाकल की मरमती
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के द्वारा पहाड़ी गांव में खराब पड़े चापाकलो की बारामती का कार्य शुरू कर दिया गया है तथा जो चापाकल पानी देना बंद कर दिए हैं उन्हें चालू किया जा रहा है। पिछले वर्ष भी विभाग में 800 खराब पड़े चापाकल लोगों रिजेक्ट कर उखाड़ने का कार्य किया था तथा उनके स्थान पर नए चापाकल लगाए गए थे । इस वर्ष भी विभाग चांपाकलो को दुरुस्त कर जलापूर्ति सुचारू करने की कार्य में लगा है।
गांव में टैंकरों से पहुंचाया जा रहा है पानी
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के द्वारा पहाड़ी पर स्थित गांव में रहने वाले लोगों को पीने का पानी पहुंचाने के लिए टैंकर लगाए गए हैं और वहां टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है। जिसके पश्चात बाल्टी में पानी भर अपने घरों में रख रहे हैं और उसे अपनी प्यास बुझा रहे हैं। निकटवर्ती पंप से पानी लेकर गांव गांव में पहुंच रहे हैं। पानी की आवश्यकता बढने पर विभाग ने टैंकरों की संख्या बढ़ाने की योजना तैयार किया है।
कहते हैं गांव वासी
ग्रामीण शिव शंकर उरांव महेश राम सुबोध कुमार प्रहलाद प्रसाद जितेश यादव मोहित उरांव ने बताया कि प्रत्येक वर्ष गर्मी के मौसम में पानी की संकट से लोगों को जूझना पड़ता है परंतु सरकार केवल पेयजल व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति करने का कार्य करती है। बनाए गए जल मीनार भी बंद रहते हैं और सैकड़ों चापाकल खराब पड़ी है। परंतु गर्मी आने के पूर्व इसकी मरम्मत नहीं कराई जाती है। जब गर्मी प्रचंड हो जाती है और जलस्तर गिर जाता है तब विभाग की आंखें खुलती है और इसे बनाने उतारने का कार्य शुरू किया जाता है। कार्य पूरे पूरा किए जाने से पहले ही वर्षा ऋतु का आगमन हो जाता है। विभाग केवल योजना में लूट मचाने के लिए कार्य कर रहा है और लोग पानी की समस्या से परेशान है। पहाड़ी गांव में स्थाई तौर पर जल संकट दूर करने के लिए विभाग के द्वारा अभी तक कोई योजना तैयार नहीं किया गया है।
कहते हैं अधिकारी
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता सुशांत कुमार ने बताया कि पहाड़ी गांव में जल संकट को दूर करने के लिए विभाग के द्वारा कार्य किया जा रहा है तथा बंद पड़े चापाकल की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। लोगों की पेयजल की समस्या दूर की जा सके साथ ही साथ जहां पर अधिक पानी की कमी है उस स्थान पर टैंकरों से पानी भिजवाया जा रहा है।