प्रसन्नता से बढ़ कर कोई स्वर्ग नही और निराशा से बढ़कर दूसरा कोई नरक भी नही : महामंडलेश्वर स्वामी विद्यागिरि जी महाराज।

प्रसन्नता से बढ़ कर कोई स्वर्ग नही और निराशा से बढ़कर दूसरा कोई नरक भी नही : महामंडलेश्वर स्वामी विद्यागिरि जी महाराज।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161- 91877

प्रसन्नचित जीवन तनाव व रोगों का हरण कर लेता है इसलिए प्रभु की शरण मे रहकर हमेशा प्रसन्न रहना चाहिए : महामंडलेश्वर स्वामी विद्यागिरि जी महाराज।

दिल्ली :- श्री स्वामी नारायण गिरि जी दशनाम सन्यास आश्रम लक्ष्मी नारायण मन्दिर व अन्य संस्थानों की परमाध्यक्ष श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी विद्यागिरि जी महाराज ने आज सत्संग में श्रद्धालुओं को बताया कि यह दुनियाँ अगर नरक है तो केवल उनके लिए जो नारायण को भूले हुए हैं। यह दुनियाँ स्वर्ग अवश्य है मगर वो भी केवल उनके लिए जिनका प्रभु से प्रेम रुपी सम्बन्ध बन चुका है। जिसे प्रभु की सत्ता पर जितना कम विश्वास होगा वह उतना ही दुखी होगा।
हमारा सुख इस बात पर निर्भर नही करता कि हमारे पास कितनी सम्पत्ति है अपितु इस बात पर निर्भर करता है कि हमारे पास कितनी सन्मति है। स्वर्ग का अर्थ वह स्थान नही जहाँ सब सुख हों अपितु वह स्थान है जहाँ सभी खुश रहते हों।
भक्ति हमें सम्पत्ति तो नहीं देती पर प्रसन्नता जरुर देती है। प्रसन्नता से बढकर कोई स्वर्ग नही और निराशा से बढकर दूसरा कोई नरक भी नही है।
स्वामी विद्यागिरि जी महाराज ने बताया कि मनुष्य का जन्म चौरासी लाख योनियों के भुगतान के बाद प्रभु भगति के मार्ग पर चलकर प्रसन्नचित होकर मोक्ष प्राप्ति के लिए मिला है मनुष्य को इस अनमोल दुर्लभ जन्म का सदुपयोग करना चाहिए और धर्म के मार्ग पर चल कर अपनी यह यात्रा सम्पूर्ण करनी चाहिए तभी हमारा और जगत का कल्याण होगा।

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