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भारत में वैक्सीन के लिए वालंटियर लाइसेंस दिए जाने की जरूरतः रॉन सोमर्स।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, हावर्ड विश्वविद्यालय, हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद्, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय सहित अन्य संस्थाओं के सयुंक्त तत्वावधान में टीकों तक समान पहुंच के लिए महामारी से निपटने की रणनीतियां विषय पर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आयोजित।
कुरुक्षेत्र, 29 मई :- यूएस हाउस प्रतिनिधि सभा के सदस्य एवं राजनीतिज्ञ राजा कृष्णमूर्थि ने कहा है कि अमेरिका दोबारा पटरी पर आ चुका है क्योंकि यहां वैक्सीनेशन कार्यक्रम को तीव्र गति से चलाया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई में हमें एक साथ खडे़ होने की आवश्यकता है। कोरोना ने हम सभी को प्रभावित किया है। हमें एक-दूसरे की सहायता करनी होगी। वे शुक्रवार को गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, हावर्ड विश्वविद्यालय, वाशिंगटन डीसी यूएसए, भारतीय विश्वविद्यालय संघ, हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद्, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, स्वदेशी स्वावलम्बन न्यास तथा यूनिवर्सल अक्सेस टू वेक्सिनन्स एंड मेडिसिन कैम्पेन के संयुक्त तत्तावधान में आयोजित एकदिसवीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें अन्य देशों को टीका लगाने में मदद करने के लिए नोविड अधिनियम की जरूरत है। उन्होंने अपने वक्तव्य में नो मोर कोविड का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना को पूर्णतया समाप्त करने के लिए प्रत्येक देश को वैक्सीनेशन पर जोर देना होगा। उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना प्रभावित देशों को 20 अरब डालर की सहायता के लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में एक विधेयक पेश किया गया है और हार्ड इम्यूनिटी के लिए विश्व की 60 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण बेहद जरूरी है।
अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में बोलते हुए अमेरिकी भारत व्यापार परिषद के पूर्व अध्यक्ष रॉन सोमर्स ने कहा कि इससे पहले भी विश्व हेपेटाइटिस जैसी गम्भीर महामारी से पार पा चुका है। उन्होंने भारत में वैक्सीन के लिए वालंटियर लाइसेंस दिए जाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी वैक्सीन की उत्पादकता होगी उतनी जल्दी इस महामारी से भारत निजात पा लेगा। उन्होंने भारतीय कम्पनियों द्वारा वैक्सीन तकनीक के हस्तातंरण की भी सराहना करते हुए कहा कि भारत ने सात कम्पनियों के साथ तकनीक को सांझा किया है। उन्होंने कोरोना मेडिसिन की कम कीमत एवं उपलब्धता की बात भी कही। उन्होंने भारत द्वारा कोविड-19 के दौर में किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज भारत विश्व का नेतृत्व कर रहा है।
इससे पहले इस अंतरराष्ट्रीय वेबिनार में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने मंच का संचालन करते हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उनका संक्षिप्त परिचय करवाया। कुलपति प्रोफेसर सोमनाथा सचदेवा ने बताया कि टीकों तक समान पहुंच के लिए महामारी से निपटने की रणनीतियां विषय पर आयोजित वेबिनार में 700 से अधिक विद्वतजनों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय के सहयोग से यह संगोष्ठी कोरोना महामारी से लड़ने के लिए विश्व की 70 प्रतिशत आबादी के लिए पेटेंट मुक्त टीकाकरण एवं दवाओ के बारे में विश्वव्यापी राय बनाने में सफल रही है।
वेबिनार के मुख्य आयोजक गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश ने विश्व व्यापार संगठन में पेटेंट फ्री वैक्सीन के मुद्दे की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि मानवता को बचाने के लिए लाभ को छोड़कर, नवाचार को प्रोत्साहित कर, समाजहित में वैक्सीन तकनीक का हस्तांतरण जरूरी है। प्रत्येक देश का कर्तव्य है कि वह अपने यहां स्थित कम्पनियों को इसके लिए तैयार करें। वैश्विक मानवता को एकजुट होना होगा तभी इस कोरोना महामारी को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक कम्पनी ने भारतीय फार्मा कम्पनियों के साथ कोरोना वैक्सीन तकनीक को सांझा किया है और वह तकनीक हस्तांतरण के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि आज ज्यादा से ज्यादा उत्पादक को लाइसेंस दिए जाने चाहिए ताकि कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता शीघ्र एवं सही मात्रा में हो सके।
वहीं भारतीय विश्वविद्यालय संघ की सचिव डॉ. पंकज मित्तल ने इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन करने पर स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान में विश्वभर में काफी लोग इस महामारी के कारण अपनी जान गंवा चुके है। आज विकसित देशों में कोरोना टीकाकरण काफी तीव्र गति से हो रहा है जिसकी वजह से वहां लॉकडाउन खुल चुका है। वहीं गरीब देशों के लिए वैक्सीन की पहुंच अभी भी दूर है। आज समय की मांग है कि सभी देशों के लोगों को वैक्सीन डोज समान रूप से मिले।
वेबिनार में सीजीबीएस हावर्ड विश्वविद्यालय के निदेशक प्रोफेसर नरेन्द्र रस्तोगी ने अपने वक्तव्य में कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से समाज को प्रभावित किया है। कोई भी व्यक्ति इससे अछूता नही है। उन्होंने कहा कि इस महामारी से बचने के लिए, संक्रमण को फैलाने से बचाने एवं समाप्त करने के लिए ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण करने की जरूरत है। इसके लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना होगा। टीकाकरण में तेजी लाने के लिए वैक्सीनेशन की उपलब्धता, सप्लाई चेन को दुरूस्त करना एवं सफल प्रबन्धन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि धरती पर मानवता को बचाने के लिए समाज हित में बहुत ही कम समय में ज्ञान का आदान-प्रदान एवं तकनीक का स्थानातंरण, नवाचार एवं शोध को बढ़ावा, ज्यादा से ज्यादा उत्पादक कंपनियों को लाइसेंस प्रदान करना, पेटेंट फ्री वेक्सीनेशन की मुहिम में एक साथ खड़ा होना होगा। इसके साथ ही कोरोना दवाईयों की सभी तक पहुंच हो, इसके लिए दवाईयों की कम कीमत होनी चाहिए।
भारतीय मजदूर संघ के पूर्व अध्यक्ष सजी नारायण ने कहा कि टीकाकरण ही इस वैश्विक महामारी से बचाव का अंतिम एवं सफल उपाय है। इसके साथ ही उचित कीमत में वैक्सीन उपलब्धता होनी चाहिए ताकि सभी तक इसकी पहुंच हो। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के चलते लॉकडाउन में बहुत लोग अपना व्यापार, जॉब गंवा चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज विकसीत देशों को गरीब देशों की सहायता के लिए आगे आना होगा। वैक्सीनेशन की उत्पादकता सभी देशों में हो, इसके लिए तकनीकी फॉर्मूला एवं पैटर्न हस्तांतरित किया जाना चाहिए। वैक्सीनेशन के लिए कच्चे मेटिरियल की उपलब्धता को प्राथमिकता के तौर पर लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत थोड़े ही समय बाद इस महामारी से पार पा लेगा।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज तिरूनवेल्ली के डॉ. जयालाल ने कहा कि आज विश्वभर में सभी के समक्ष समान चुनौती है। यह महामारी सभी देशों में तीव्र गति से फैल रही है। उन्होंने महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन, सभी के लिए वैक्सीन की उपलब्धता, वैक्सीन की उत्पादकता की ओर ध्यान, कोरोना सम्बन्धी उपाय एवं जानकारी का आपस में आदान-प्रदान करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय कम्पनी भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना टीकाकरण तकनीक को सभी सात भारतीय कंपनियों के साथ साझा किया है। उन्होंने कहा कि समाजहित में यह विदेशी कंपनियों के साथ साझा करने के लिए भी तैयार है।
नेशनल मेडिकल ओर्गेनाइजेशन के सचिव डॉ. योगेन्द्र मलिक ने वेबिनार के विषय की महत्ता को बताते हुए कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी है लेकिन इसके लिए हमें अपनी जनसंख्या के हिसाब से इसकी उत्पादकता बढ़ानी होगी ताकि वैक्सीन की पहुंच तय समय में सभी तक हो सके। तभी हम सुरक्षित रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम् वाक्य में निहित भावना को ध्यान में रखकर प्रत्येक देश को वैक्सीन सम्बन्धी तकनीक को दूसरे देश के साथ साझा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत देश इस महामारी से निपटने के लिए पूर्णतया सक्षम है।
उपभोक्ता मामले कार्यकर्ता अरूण देशपाण्डे ने कहा कि वर्तमान में विश्वभर के लिए चुनौती का समय है। उन्होंने कहा कि महामारी से बचाव के लिए वैक्सीनेशन बड़ा उपाय है। आज भारत सरकार के साथ अन्य गैर सरकारी संस्थाएं भी 24 घंटे महामारी से बचाव के लिए राहत कार्य में जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार 2011 में फूड सिक्योरिटी बिल के द्वारा सभी के लिए खाने की पहुंच को तय किया गया था उसी प्रकार आज भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए शीघ्र एवं कम कीमत में वैक्सीन की उपलब्धता आवश्यक है।
स्वदेशी स्वावलम्बन न्यास के सह संगठक एवं सामाजिक कार्यकर्ता सतीश कुमार ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच ने वैक्सीनन्स एवं मेडिसिन की सार्वभौमिक पहुंच अभियान को विश्वभर पटल पर रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान सम्बन्धी अपील पर अभी तक 2 लाख से ज्यादा लोगों सहित 1500 शिक्षाविदों, न्यायालय के जस्टिस, कुलपतियों तथा 20 देशों के 3000 लोगों ने हस्ताक्षर कर इस अभियान को बल दिया है। उन्होंने कहा कि पेटेंट फ्री वैक्सीन अभियान में अब बडे़ देश भी अपनी सहमति जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत पूरी मानवता के साथ खड़ा हुआ है। भारतीय कंपनियां कोरोना सम्बन्धी तकनीक को साझा करने के लिए तैयार है।
प्रदीप कपूर पूर्व राजदूत ने अपने सम्बोधन में कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कोरोना वैश्विक महामारी ने विश्वभर को ज्यादा प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना से सुरक्षा के लिए जनसंख्या के हिसाब से वैक्सीन की उपलब्धता जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य में बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है।
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक आर सुन्दरम ने कहा कि वेबिनार के विषय से आशा का संचार हुआ है। उन्होंने आग्रह किया कि आज फार्मा कम्पनी दो या तीन वर्ष के लिए अपने लाभ को छोड़कर मानवहित में कार्य करें। उन्होंने कहा कि पेटेंट फ्री अभियान से जुड़कर सभी विश्व व्यापार संगठन के सकारात्मक निर्णय की ओर देख रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने वैक्सीनेशन की सार्वभौमिक पहुंच पर भी जोर दिया।
महिला राजदूत फाउंडेशन की अध्यक्षा प्रो. मर्लिन सेपोकल ने कहा कि वर्तमान में गरीब देशों तक वैक्सीनेशन की पहुंच बुनियादी आवश्यकता बन चुकी है। उन्होंने आह्वान किया कि पूरी मानवता की भलाई के लिए लाभ को छोड़कर एकजुट होने की जरूरत है। वाशिंगटन डीसी यूएसए से आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि हमें उम्मीद है भारत जल्द ही कोरोना से उभरेगा। उन्होंने वर्तमान परिपेक्ष्य में वेबिनार आयोजित करने पर आयोजको को बधाई दी।
हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. बीके कुठियाला ने कार्यक्रम में सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस गम्भीर विषय पर सफल वेबिनार आयोजित करने पर आयोजकों एवं प्रतिभागियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस वेबिनार का उद्देश्य मानवता के लिए एकजुट होना तथा आपसी विचार सांझा करना ताकि वैक्सीन की पहुंच एवं उपलब्धता सभी तक हो। उन्होंने कहा कि कोरोना भौगोलिक, लिंग एवं आयु किसी को नहीं देखता। उन्होंने सभी से मानवीयता को बचाने के लिए सभी के एकजुट होने का आग्रह किया। उन्होंने वैक्सीनन्स एवं मेडिसिन की सार्वभौमिक पहुंच अभियान की सराहना करते हुए कहा कि अब इस अभियान में शिक्षाविद्, जज, सामाजिक संस्थाएं, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अपना समर्थन इस अभियान का देकर मजबूत करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व एक परिवार है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति सुरक्षित होना चाहिए। मानवता के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। कार्यक्रम के अंत में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की कुलपति विनय कपूर मेहरा ने कल्याण मंत्र का उच्चारण कर सर्वजन कल्याण का संदेश दिया।