।उत्तर प्रदेश में मंत्रियों के बदले जाने के साथ ही कुछ संगठनात्मक बड़े बदलाव की संभावना हैं। विगत महीनों से चर्चा चल रही थी पर अब इसके साफ संकेत हैं।विगत दिनों मुख्यमंत्री आवास पर हाई लेवल बैठक हुई थी।बैठक के बाद कयास लगने लगा थ कि जल्द से जल्द भाजपा के संगठन के साथ सरकार के अंदर बदलाव होगा।इस हाई लेवल बैठक में सीएम योगी और संगठन मंत्री सुनील बंसल की मौजूदगी कुछ बड़ा होने का संकेत है।इस हाई लेबल बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद रहे थे।
आइये जाने क्यो आ रहे शर्मा
पूर्व आईएएस अधिकारी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खास भरोसेमंद विधान परिषद सदस्य अरविंद कुमार शर्मा को लेकर अटकलों का ठहराव होने वाला है। शर्मा सत्ता के समानांतर केंद्र होंगे और उपमुख्यमंत्री का पद मिल सकता है। सीएम योगी के कामकाज से पीएम मोदी व कभी योगी के भरोसेमंद अमित शाह भी हाल फ़िलहाल पूरी तरह खुश नहीं है।
ऐसी है फेरबदल की संभावना
मंत्रिमंडल के इस बदलाव में दो ब्राह्मण व एक दलित नेता को अहम जगह मिलेगी।भाजपा राज्य इकाई के अध्यक्ष पद पर भी जल्द ही बदलाव होगा। मंत्रिमंडल के बदलाव की सूची देर रात तक दिल्ली में फाइनल नही हो पायी है।मई के ख़त्म होते ही बदलाव होगा।
भाजपा के संगठन व सरकार में किये जा रहे इस बदलाव को 2022 यूपी विधानसभा होने वाले चुनाव को लेकर देखा जा रहा है।हाईकमान ने 2022 के मद्देनज़र व्यापक बदलाव को अंतिम रूप दे रखा है।
इस बदलाव में नौकरशाही पर पकड़ मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी अरविंद शर्मा के हवाले होगी और उपमुख्यमंत्री बनायें जायेंगे।यूपी में उप मुख्यमंत्री दो ही रहेंगे तीन नही होंगे।राज्य सरकार के कामकाज से व्यापारी व ब्राह्मणों में नाराज़गी को दूर करने के लिए इन समाज के नेताओं को खास अहमियत दी जायेगी।हाईकमान ने अरविंद शर्मा को भी ब्राह्मण कोटे में ही रख रहा है।
जाने यूपी के कौन मंत्री विवाद में आए
मंत्रिमंडल में जिन नामों पर बदलाव के लिए विचार हुआ है।उनमें हाल में विवाद में आये बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी, सिद्धार्थ नाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, उपेंद्र तिवारी, सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, नंद गोपाल नंदी, महेंद्र सिंह, स्वाति सिंह, सतीश महाना, ब्रजेश पाठक, श्रीकांत शर्मा के नाम प्रमुख हैं। पर इनमें किसे मिलेगी सौग़ात, किसकी होगी छुट्टी यह तय नहीं होने की वजह से मुख्यमंत्री आदित्य नाथ की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाक़ात शिष्टाचार भेंट व कोविड पर चर्चा के साथ ही समाप्त हो गयी।