रिपोर्ट पूनम शर्मा शास्त्री
लखनऊ
जनपद के प्रमुख फल पट्टी क्षेत्र ककोरी, बक्शीका तालाब, इटौंजा, रहीमाबाद, माल एवं मलिहाबाद के आम किसानों की फसल पर इस वर्ष मौसम प्रतिकूल होने पर प्रमुख रूप से सेमिलूपर कीट का भीषण प्रकोप देखने को मिला है। इस समय आम की फसल परिपक्व अवस्था में है इनकी इल्लिया फलों के अंदर घुस कर गूदे को खाती हैं जिससे फल जगह-जगह पर सड़ने लगते हैं। मई -जून माह में यह कीट आम की फसल पर हस्तांतरित हो जाता है और अधिक हानि पहुंचाता है। यह कीट आम के अलावा अमरूद , सागौन,कटहल एवं सागौन के पौधों पर उनकी पत्तियों को खाता है। इस कीट की मादा संगम करने के बाद 200 से 400 अंडे मुलायम पत्तियों की निचली सतह पर देती हैं यह अंडे 2 से 3 दिन में फूट जाते हैं इनसे जो लारवा निकलते हैं वह पत्तियों को खाना शुरू कर देते हैं और 15 से 20 दिन तक यह फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। चंद्र भानु गुप्ता कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस कीट के लारवा इस समय चौथी अवस्था में है इस समय इन्हें प्रबंधित करना सरल है। इस किट को प्रबंधित करने के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5 एसजी की 3 ग्राम मात्रा को 1 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करने से यह कीट प्रबंधन हो जाता है अथवा लैम्डा- साईहेलोथ्रिन नामक कीटनाशक की 2 एम एल मात्रा को 1 लीटर पानी कि दर से घोल बनाकर छिड़काव करने से इस कीट का प्रबंधन हो जाता है।