उत्तराखंड:-काँगेस को मिली चुनावी हार की वजह बताई,हरीश रावत,
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
सागर मलिक
पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि अपने मुख्यमंत्रित्व काल में अलविदा जुमे की नमाज के लिए एक घंटे के स्वैच्छिक अवकाश की सुविधा लागू करने की वजह से विधानसभा चुनाव में उनकी हार हुई। हरिद्वार में गंगा तट के किनारे आत्ममंथन करने के बाद रावत ने अपने सोशल मीडिया पेज पर अपने मन की बात लिखी। रावत ने लिखा कि गंगा जी के चारों तरफ कुछ अराध्य पुरुषों, भगवान कश्यप, भगवान बाल्मिकि, आदि के नाम से घाट बने हैं। इनमें से अधिकांश घाटों का नामकरण मेरे कार्यकाल में हुआ।
फिर मन में विचार आ रहा है कि कैसे लोगों ने एक मजार में चादर चढ़ाते जाते वक्त पहनी मेरी टोपी को लेकर दुष्प्रचार प्रारंभ किया। बकौल रावत, सूर्य देव की आराधना का महापर्व, करवा चौथ सुहाग की मंगल कामना का महापर्व, भगवान रैदास के नाम पर अवकाश आदि देने के निर्णय भी किए थे। खुद को सभी धर्मों का आदर करने का दिखाने के लिए मैने परशुराम जयंती के अवकाश के साथ ही एक और निर्णय किया था।
रावत के अनुसार साल भर में एक दिन आने वाली अलविदा की नमाज़, रमजान के आखिरी जुमे की नमाज़ के लिए स्वैच्छिक रूप अर्जी देकर अवकाश लेने की सुविध दी थी। अवकाश एक घंटे का और उसका दुष्प्रचार इतना जबरदस्त कि मुझे उसी दुष्प्रचार के बल पर चुनावी हार झेलनी पड़ी। रावत ने गंगा से प्रार्थना की कि जिस प्रकार गंगाजल का भाव है कि व्यक्ति उससे आचमन और वजू कर सकता है। उसी प्रकार का आचरण मेरा भी बना रहे।