कोंच(जालौन) शिक्षा एक ऐसी धारा है जिससे सारे रास्ते निकलते है यह बात भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा की बाल एवं युवा रंगकर्मी नाट्य कार्य शाला में जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत पटेल ने कही उन्होंने कहा कि अनुशासन और समय का सदुपयोग करेंगे तो जीवन मे बहुत कुछ करेंगे ऐसी कार्य शालायें व्यक्तित्व को निखारने का कार्य करती है उन्होंने बुंदेलखंड की संस्कृति पर भी चर्चा करते हुए रंगकर्मियों के साथ संवाद किया वरिष्ठ कवि एवं साहित्य कार अर्जुन सिंह चांद ने कहा कि संस्कृति में यदि पश्चिमी सभ्यता या व्यव साय जुड़ जाता है तो संस्कृति का हनन होता है आज का समय मानवीय संवेदनाओं के सूखकर मरने का समय है इस मरते समय को केवल कला साहित्य और संस्कृति ही बचा सकती है बुंदेली फिल्मों के निर्माता/निर्देशक अजय साहू ने भी इप्टा रंग कर्मियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इप्टा का गौरवशाली इतिहास रहा है कि कार्यशालाओं के आयोजन के माध्यम से रंगकर्मियों को जीवन मूल्यों और संस्कारों को भी सिखाने का भी काम किया जाता है और सांस् कृतिक प्रदूषण को दूर करने का काम इप्टा के कलाकार कर रहे हैं बुंदेली फ़िल्म कलाकार धर्मेंद्र खरे ने कहा कि नाटकों में दिखाई गई विषय वस्तु को हम केवल मंच पर ही प्रद र्शित न करें बल्कि उसे अपने व्यवहार में भी उतारे सीनियर आर्टिस्ट मुकेश पाटीदार ने अपने संघर्ष और अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि सभी के अंदर कोई न कोई प्रतिभा छुपी होती है आवश्यकता बस उसे निखारने की होती इप्टा के प्रांतीय सचिव इप्टा कोंच के संस्थापक अध्यक्ष डॉ मुहम्मद नईम बॉबी ने कहा कि आज का समय विद्रूपताओं व विसंगतियों का समय है जहां सच को संगठित झूठ के बल पर दबाया जा रहा है लोेग सच कहने सच सुनने सच का अनुसरण करने में भय महसूस कर रहे हैं ऐसे दौर में जनपक्षधरता की बात कहना अत्यन्त जोखिम की बात है इस जोखिम को उठाने का काम इप्टा के रंगकर्मी कर रहे हैं, जो अपने नाट कों व गीतों के माध्यम से जन-संस्कृति की लौ जला रहे हैं अध्यक्षता कर रहे इप्टा के सरंक्षक अनिल कुमार वैद ने कहा कि रंगकर्मियों को चाहिए कि अधिक से अधिक नाटकों को पढ़ें, उनके बारे में चिंतन करें, उनकी विषय वस्तु के आधार पर कल्पनाशीलता को विकसित करें तथा एकल अभिनय के माध्यम से अपने हुनर को विकसित करें तकनीकी दायित्वों का निर्वाहन एवं आभार प्रकट इप्टा सचिव पारस मणि अग्रवाल ने किया